अब बिना पर्ची काटे बर्थ बेचने वाले टीटीई बर्खास्त किए जाएंगे। रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने तत्काल प्रभाव से इस आदेश को लागू कर दिया है। उन्होंने रेल प्रशासन को स्पेशल टीम बनाकर ट्रेनों की जांच करने और यात्रियों से पूछताछ के आदेश दिए हैं। इसके अलावा यात्री सीधे टोल फ्री नंबर 155210 पर शिकायत भी कर सकेंगे। 1रेलवे बोर्ड को लगातार टीटीई द्वारा बिना टिकट यात्रियों से मनमानी करने, जुर्माने की रसीद देने के बजाय रुपये अपने पास रख लेने और अभद्रता करने की शिकायतें मिल रहीं हैं।








शिकायत के बाद रेलवे अधिकारी तत्काल कार्रवाई करने के बजाय जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हैं। दोषी टीटीई को मामूली दंड देकर मामला निपटा दिया जाता है। पिछले दिनों वेस्टर्न रेलवे की एक ट्रेन में सफर करने वाले यात्री ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से इसकी शिकायत की थी। उसने टीटीई पर बर्थ बेचने का आरोप लगाया था। स्लीपर क्लास में बर्थ देने के नाम पर टीटीई पांच-पांच सौ रुपये ले रहा था। इस पर मंत्री ने तत्काल रेलवे बोर्ड चेयरमैन को कार्रवाई के आदेश दिए।




इसके बाद संबंधित टीटीई के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए चेयरमैन ने विशेष आदेश दिए हैं। बोर्ड के एडिशनल मेंबर (कामर्शियल) राजीव दत्त शर्मा ने सभी जीएम और डीआरएम को इसके संबंध में पत्र भेज दिया है। इसमें तत्काल विजिलेंस, आरपीएफ और वाणिज्य अधिकारी की टीम बनाने के लिए कहा गया है। टीम के सदस्य ट्रेनों में टिकट की चेकिंग कर यात्रियों से बात करेंगे। वे यह पता लगाएंगे कि बर्थ देने के बदले टीटीई ने अतिरिक्त राशि तो नहीं ली है। शिकायत मिलने पर टीटीई को चिह्न्ति कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।

मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि बोर्ड से आदेश मिल गया है। वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी कर दिए गए हैं।’

>रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने जारी किए आदेश, स्पेशल टीम करेगी चेकिंग

>टोल फ्री नंबर 155210 पर यात्री कर सकेंगे शिकायत




रेलवे अधिकारियों ने नियम के विरुद्ध आफिस कार्य के लिए टैक्सी की बजाय प्राइवेट वाहन किराए पर ले रखे हैं। परिवहन विभाग की ओर से तीन बार रेल अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है। इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में परिवहन विभाग रेलवे अधिकारियों की गाड़ियों का चालान करने का मन बना रहा है। रेल प्रशासन ने मंडल रेल प्रबंधक को सरकारी वाहन उपलब्ध कराया है। अन्य अधिकारियों को सरकारी वाहन नहीं उपलब्ध कराए गए हैं। ऐसे में रेल प्रशासन ने अधिकारियों को किराए पर वाहन लेकर आफिस कार्य करने का आदेश दे रखा है, लेकिन अधिकारियों ने किराए की टैक्सी की बजाय निजी प्रयोग वाले वाहनों को किराए पर ले रखा है।

इससे रोड टैक्स, परमिट शुल्क और यात्री कर की खुले आम चोरी हो रही है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। माना जा रहा है कि रेलवे अधिकारियों और प्राइवेट वाहन मालिकों में साठगांठ है। इस मामले को लेकर एक संगठन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। कोर्ट ने संभागीय परिवहन अधिकारी को छह सप्ताह के अंदर रेलवे अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध प्रयोग किए जाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के उल्लंघन से बचने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी रेलवे अधिकारियों के नियम विरुद्ध चल रहे वाहनों का चालान करने जा रहे हैं।

संभागीय परिवहन अधिकारी जय शंकर तिवारी ने बताया कि रेलवे अधिकारियों से किराए के वाहन से संबंधित सूचना मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सोमवार या मंगलवार को परिवहन विभाग के अधिकारी डीआरएम आफिस गेट पर अधिकारियों के वाहनों की चेकिंग कर उनका चालान करेंगे।