7वां वेतन आयोग: छोटे कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही सरकार

नयी दिल्ली:- 7वें वेतन आयोग के तहत भारत सरकार उन छोटे कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का विचार कर रही है जिनका पे मैट्रिक या ग्रेड पे पांचवें स्तर का है। केंद्र सरकार इससे पहले सीनियर और मीडियम लेवर के कर्मचारियों के वेतन में किसी प्रकार का बदलाव न करने का फैसला कर चुकी है। वहीं दूसरी ओर छोटे कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।








रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के इस कदम से बड़ी संख्या के कर्मचारियों उन कर्मचारियों को खुशियों की सौगात मिल सकती है जो न्यूनतम वेतन बढ़ाने की आशा में हैं। सरकार के पास वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर जो प्रस्ताव है उसमें पे मैट्रिक्स 5 या उससे कम वेतन वाले कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई जा सकती है।
वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कथिततौर से मीडिया को बताया कि सरकार पे मैट्रिक्स लेवल 5 तक के सभी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह बढ़ोत्तरी 7वें वेतन आयोग के अनुशंसा से बाहर है।




हालांकि अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि सैलरी में होने वाली यह बढ़ोत्तरी कितने रुपए की होगी। अभी बढ़ने को लेकर कोई अंतिम फैसला भी नहीं हुआ लेकिन अनुमान है कि आने वाले कुछ सप्ताह में स्थिति साफ हो जाएगी। आपको बता दें, 7वें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 14.27 फीसदी बढ़ाने का सुझाव दे चुका है। यह बढ़ोत्तरी 7000 रुपए से 18000 रुपए तक की होगी। जिसके बाद जून 2016 से सभी केंद्रीय कर्मचारी न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए प्रतिमाह और अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपए प्रतिमाह प्राप्त कर रहे हैं।




ऐसे करें अपने वेतन की गणना-
कर्मचारियों के वेतन बैंड में कर्मचारियों का वेतन और उनके ग्रेड पे को जोड़ा जाएगा। यह जोड़ कर्मचारी का मूल वेतन होगा। इस योग से जो संख्या आएगी उसमें 2.57 से गुणा किया जाएगा। इसके बाद जो संख्या आएगी उसे मैट्रिक्स लेवल माना जाएगा।
माना किसी कर्मचारी का वेतन 20000 रुपए है और ग्रेड पे 4200 रुपए है तो उसका मूल वेतन 24200 माना जाएगा। इस में 2.57 से गुण करने पर 62194 रुपए आते हैं। ऐसे में सातवें वेतन आयोग के बाद कर्मचारी का वेतन 62 हजार रुपए निर्धारित होगा।