चतुर्थ वर्गीय  कर्मचारी महासंघ ने अधिकतम ग्रेड वेतन 4200 रुपये के लिए शुक्रवार से आंदोलन करने का निर्णय लिया है। महासंघ के प्रदेश महामंत्री बनवारी सिंह रावत ने आरोप लगाया है कि महासंघ ने इस विषय पर वार्ता का समय मांगा लेकिन उनकी अनदेखी की जा रही है।प्रदेश महामंत्री ने कहा कि ग्रेड पे की मांग को लेकर पांच जनवरी से आंदोलन की शुरूआत नई टिहरी से होगी। महासंघ चाहता था कि इस समस्या का निराकरण सौहार्दपूर्ण तरीके से हो। लेकिन लगता है कि शासन में बैठे अधिकारी जानबूझ कर कर्मचारियों को आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं। महासंघ ने अपना सात सूत्रीय मांग पत्र प्रदेश व्यापी धरने के माध्यम से सीएम को भेजा था।








उन्होंने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कार्मिक को दस साल की सेवा पूर्ण करने पर अगला ग्रेड वेतन 1800 से बढ़ाकर 1900 रुपये दिया जाता है। जो कि केवल 100 रुपये की बढ़ोतरी है। 1800 रुपये की नियुक्ति से लेकर 2800 रुपये ग्रेड वेतन में कार्मिक सेवानिवृत्त हो जाता है। महासंघ ने ग्रेड पे को 4200 रुपये तक करने की मांग की है। मांग पर कोई प्रतिक्रिया न मिलने से कर्मचारी वर्ग आहत है और पांच जनवरी से नई टिहरी से जनजागरण अभियान के जरिए सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे। जनजागरण में प्रांतीय अध्यक्ष नाजिम सिद्दीकी, प्रांतीय महामंत्री बनवारी सिंह रावत, प्रवक्ता गो¨वद सिंह नेगी, प्रांतीय कोषाध्यक्ष मनमोहन सिंह नेगी शामिल होंगे।




दो माह से वेतन भुगतान की मांग कर रहे अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों ने आगामी 10 जनवरी से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने की चेतावनी दी है। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण और मंत्री अनिल नौटियाल ने बताया कि पिछले दो माह से विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है। ऐसे में जिले के 1600 से अधिक शिक्षक-कर्मचारियों के सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि वेतन भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो आगामी दस जनवरी से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।

कर्मचारी संगठनों से पदाधिकारियों के रूप में पेंशनर्स की मौजूदगी पर यूपीसीएल प्रबंधन के ब्यौरा तलब करने का विरोध शुरू हो गया है। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने प्रबंधन पर कर्मचारियों को दबाव में लेने को साजिश रचने का आरोप लगाया।एसोसिएशन के केन्द्रीय अध्यक्ष जीएन कोठियाल ने ऊर्जा निगम प्रबंधन की तैयारी को हास्यास्पद बताया। कहा कि एमडी यूपीसीएल की ओर से कर्मचारी संगठनों का ब्यौरा तलब करना मजाक है। एमडी को अभी इस बात की ही जानकारी नहीं है कि एसोसिएशनों, संगठनों में पदाधिकारी निर्वाचित, मनोनीत करना सदस्यों का अधिकार है।




इस तरह के बयान देकर एमडी ऊर्जा कार्मिकों को उलझाने की साजिश रच रहे हैं। ताकि कर्मचारियों की एसीपी की मांग को कमजोर किया जा सके। प्रबंधन व सरकार कर्मचारियों से एसीपी का 9, 14, 19 वर्ष का अधिकार छीनने की साजिश रच रही है। एमडी कर्मचारियों के हितों से जुड़े फैसले लेने की बजाय सिर्फ अनावश्यक बयानबाजी कर माहौल को खराब कर रहे हैं। प्रबंधन एसोसिएशनों, संगठनों को कमजोर करने की कोशिश में है। इसके खिलाफ एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारणी की बैठक पांच जनवरी को माजरा स्थित भवन में होगी। इसमें आंदोलन की रणनीति तय होगी।

देहरादून। अध्यक्ष जीएन कोठियाल ने कहा कि संगठनों से पेंशनर्स को बाहर किए जाने के सरकारी आदेश को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जवाब दे चुकी है। सरकार के 26 दिसंबर को जारी हुए आदेश के अगले ही दिन परिषद ने 27 दिसंबर को चुनाव कर सरकार को करारा जवाब दे दिया है।