कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने दायरे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाना चाहती है। इसके लिए ईपीएफओ ने वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा है। इस बार वित्त मंत्रालय ने इस मसले पर पॉजिटिव रुख दिखाने का आश्वासन दिया है। हालांकि लेबर मिनिस्ट्री का कहना है कि सरकार ज्यादा पेंशन देने के मामले को पहले सुलझाना चाहती है। इसके बाद ईपीएफओ का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।








सीबीटी के सदस्य और भारतीय मजदूर संघ के नेता नागेश्वर राव का कहना है कि हम चाहते हैं कि सरकार ईपीएफओ के दायरे में ज्यादा लोगों को लाए, ताकि ये लोग सामाजिक योजनाओं का लाभ उठा सकें। यही कारण है कि हमने इस बार सरकार से कहा है कि वह 15 हजार रुपये की वेतन सीमा को बढ़ाकर 21 हजार रुपये करें। मौजूदा समय में जिस कर्मचारी की बेसिक और डीए मिलाकर 15000 रुपये तनख्वाह मिलती है, वही ईपीएफओ का सदस्य बन सकता है।







हम चाहते हैं कि वेतन सीमा को बढ़ाकर 21 हजार रुपये किया जाए। इससे लाखों कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ पाएंगे और इसके द्वारा चलाई जा रही सामाजिक योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को इस प्रस्ताव के वित्तीय पक्ष का आकलन करने के लिए कहा था। हाल ही में इन्हें इनपुट प्राप्त हुआ है और इसे आगे बढ़ा दिया गया है। मौजूदा नियमों के तहत श्रमिकों को ईपीएफ लाभ प्रदान करने के लिए 20 या अधिक लोगों का होना जरूरी है। यानी जिस कंपनी में 20 या उससे अधिक लोग है, उन्हें ईपीएफओ का लाभ जरूर मिलना चाहिए।

epfo-st