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कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा का लाभ दिलाने की कवायद आरंभ हो गई है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को अपने कर्मियों के वेतन पुनरीक्षित करने के आदेश जारी किए हैं। इस पर अमल करते हुए सरकारी महकमों ने पुनरीक्षित पे-स्लिप बनाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। करीब चार लाख राज्य कर्मियों को सातवें वेतनमान का भुगतान होना है।

वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि वेतन पुनरीक्षण सैद्धांतिक रूप से पहली जनवरी, 2016 के प्रभाव से होगा। मगर कर्मियों को नए वेतनमान का वास्तविक लाभ पहली अप्रैल, 2017 से मिलेगा। पे-स्लिप बनाने की प्रक्रिया जल्द संपन्न हो जाने की उम्मीद है।








अगर ऐसा हुआ तो अगले सप्ताह मई के वेतन का भुगतान नई दर से राज्यकर्मियों को किया जाएगा। साथ ही अप्रैल माह के एरियर का भी भुगतान कर दिया जाएगा। राज्यकर्मियों के वेतन में करीब 15 प्रतिशत वृद्धि होगी।

वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वेतन एवं पेंशन मद में पिछले वित्तीय वर्ष में 18,328 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। नया वेतनमान देने की स्थिति में चालू वित्त वर्ष में करीब 8,000 करोड़ की अतिरिक्त राशि की आवश्यकता पड़ेगी।




राज्यकर्मियों के वेतन पुनरीक्षण के आदेश के साथ-साथ पेंशनधारियों के पेंशन भी पुनरीक्षित करने के आदेश जारी किए गए हैं। वित्त विभाग ने वेतन एवं पेंशन पुनरीक्षण के लिए सभी विभागों को एक फार्मेट भी उपलब्ध कराया है जिसमें सातवें वेतनमान के लिए फार्मूला भी तय कर दिया है।




राज्यकर्मियों या पेंशनधारियों को अब महंगा भत्ता मात्र 4 प्रतिशत मिलेगा। मूल वेतन या पेंशन एवं चार प्रतिशत महंगाई भत्ता को जोड़ कर जो राशि बनेगी उसे 2.57 से गुना कर नया वेतनमान या पेंशन तय की जाएगी।

Source:- Jagran