जून में कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ भत्ता

केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़े हुए भत्ताें का तोहफ जून में मिल सकता है। कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में सचिवों की हाई पावर कमेटी की बैठक 1 जून को होने जा रही है। यह कमेटी भत्तों पर लवासा कमिटी की सिफारिशों पर विचार करेगी आैर इसे मंजूरी देगी। इसके बाद इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार, जून में सरकारी कर्मचारियों को बढ़े हुए भत्तों पर फैसला हो जाएगा आैर उनको जून से बढ़े हुए भत्ते मिलने शुरू हो सकते हैं। जहां तक एरियर की बात है तो यह फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा कि एरियर एक साथ दें या किश्तों में।









भत्ताें पर गठित अशोक लवासा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को अप्रैल के अंत में सौंप दी थी। सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने रिपोर्ट में हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) को 28, 18 आैर 10 फीसदी रखने की सिफारिश की है, मगर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा एचआर की दरें भी तर्कसंगत हैं। अगर सरकार चाहे तो इन पर गौर किया जा सकता है। इसके अलावा लवासा कमेटी ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 भत्तों को अन्य बड़े भत्तों में समाहित करने के सुझाव का समर्थन किया है। एचआरए बेसिक सैलरी के आधार पर मिलता है। गौरतलब है कि 7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में क्लास X शहर के लिए 24 फीसदी, क्लास Y के लिए 16 आैर क्लास Z के लिए 8 फीसदी एचआर देने की सिफारिश की थी। इसका केंद्रीय कर्मचारियों ने जोरदार विरोध किया था, तब सरकार ने लवाला कमिटी का गठन किया था। इस कमेटी को अक्टूबर 2016 में अपनी रिपोर्ट देनी थी। मगर उसने अप्रैल 2017 के अंत में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।




केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल ज्वॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने एनबीटी से बातचीत में कहा कि हमें भत्तों के मामले में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें कतई मंजूर नहीं हैं। हमें 30, 20 आैर 10 फीसदी के हिसाब से एचआए मिल रहा था। 7वें वेतन आयोग ने इसे अचानक कम करने की सिफारिश कर दी है। अगर सरकार हमारे भत्ते बढ़ा नहीं सकती है तो कम न करे। 6वें पे कमीशन के समय से जो भत्ते हमें मिल रहे हैं, वे ही हमें मिलते रहें। 6वें पे कमीशन के तहत क्लास X शहरों में काम करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों का एचआरए 30 फीसदी, क्लास Y शहरों में 20 फीसदी आैर क्लास Z शहरों में 10 फीसदी एचआर मिल रहा है।



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