कैग ने लगाई 314 करोड़ के नुकसान के लिए रेलवे को फटकार

नई दिल्ली। रेलवे को पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं होने से 314 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) ने ऐसा पाकर रेलवे को फटकार लगाई है। साथ ही रेलवे बोर्ड पर इसके लिए समन्वय की कमी और इस योजना को लागू नहीं करा पाने का दोष मढ़ा है।

रेल प्रशासन ने वर्ष 2007 के फरवरी में भिन्न-भिन्न तरह के छोटे-छोटे पार्सल को निजी सेवा प्रदाताओं के जरिये घर-घर पहुंचाने का निर्णय लिया था। इसके साथ ही पार्सल को पहुंचाने के लिए ट्रेनों को लीज पर देने की नीति लागू की थी। कैग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण cagरेलवे संतोषजनक ढंग से किसी निश्चित रास्ते और समय से पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटी) चलाने की व्यवस्था करने में नाकाम रहा। इसका रेलवे के राजस्व पर खराब प्रभाव पड़ा और चार मार्गो पर पीसीईटी की शुरुआत नहीं पाने से 314.64 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

रेलवे बोर्ड के राजस्व रिकार्ड से कैग ने खुलासा किया है कि दक्षिण रेलवे को इसके संचालन में आने वाली बाधा के समाधान के लिए भी बोर्ड को जानकारी नहीं दी गई। इसके परिणामस्वरूप दक्षिण रेलवे को इस योजना में नाकामी झेलनी पड़ी। कैग ने 700 से अधिक लदान केंद्रों पर माल से भरे ट्रक को तौलने वाला अपना कांटा नहीं रहने से माल भाड़े के संभावित नुकसान को लेकर भी सख्त टिप्पणी की है।