केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है. अगर आपके घर में पापा-मम्मी, भाई-बहन, अंकल-आंटी या फिर रिटायर्ड दादा जी भी हैं तो उन्हें ये खुशखबरी सुना सकते हैं. दरअसल, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में बड़ा इजाफा हो सकता है. अगले साल ये तोहफा केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को दे सकती है. लेकिन, एक तरफ ये चर्चा भी है कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा. हालांकि, इस बात से कोई इनकार नहीं कर रहा है कि अगले वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा होना है. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के वक्त ही कर्मचारियों की सैलरी में सबसे बड़ा इजाफा होगा.

सैलरी में आएगा जबरदस्त उछाल

सूत्रों की मानें तो साल 2024 में आम चुनाव होने हैं. इसके बाद ही कर्मचारियों की सैलरी या यूं कहें वेतन आयोग के गठन पर कोई चर्चा होगी. लेकिन, इतना जरूर है कि बात आगे बढ़ रही है. हालांकि, 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर अभी फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. इसका जिक्र संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी कर चुके हैं. लेकिन, सरकारी महकमों के सूत्र बताते हैं कि अभी इस पर चर्चा करना सही नहीं है. वेतन आयोग के गठन का वक्त नहीं आया है. साल 2024 में आम चुनाव के बाद इसके गठन पर फैसला हो सकता है. अगर आठवें वेतन आयोग का गठन होता है तो सैलरी में जबरदस्त उछाल आ सकता है. पिछले वेतन आयोग की तुलना में इसकी कैलकुलेशन की जाएगी.

कब लागू होगा नया वेतन आयोग?

अगर सूत्रों की जानकारी को सही माना जाए तो 8वें वेतन आयोग (8th Pay commission) का गठन साल 2024 के आखिर तक हो जाएगा. वहीं, इसे एक से डेढ़ साल के अंदर लागू करना होगा. मतलब 2025 के अंतर या 2026 की शुरुआत में इसे लागू भी किया जा सकता है. केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) की सैलरी में जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मुकाबले 8वें वेतन आयोग में कई बदलाव संभव हैं. इसमें फिटमेंट फैक्टर के फॉर्मूले पर सैलरी नहीं बढ़ेगी. बल्कि किसी दूसरे फॉर्मूले से सैलरी इंक्रीमेंट दिया जला सकता है. 10 साल में एक बार वेतन आयोग के गठन के नियम को भी खत्म किया जा सकता है.

हर साल बढ़ेगी सैलरी?

अगर सबकुछ ठीक रहता है तो सरकार अगले वेतन आयोग में कुछ नियमों को बदल सकती है. हालांकि, ये पूरी तरह से वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करेगा. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में रिविजन के लिए 10 साल का अंतराल बहुत लंबा होता है. इसलिए इसे बदलकर 1 या 3 साल किया जा सकता है. निचले स्तर के कर्मचारियों का सैलरी रिविजन हर साल परफॉर्मेंस बेसिस पर किया जा सकता है. वहीं, अधिकतम सैलरी वाले कर्मचारियों का रिविजन 3 साल के अंतराल पर रखा जा सकता है.

किस वेतन आयोग में कितनी बढ़ी सैलरी?

  • चौथे वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि: 27.6% की गई. इसमें उनका न्यूनतम वेतनमान 750 रुपए तय था.
  • पांचवे वेतन आयोग में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला और उनकी सैलरी में 31 फीसदी का बड़ा इजाफा किया गया. इससे उनका न्यूनतम वेतन सीधे बढ़कर 2550 रुपए प्रति माह हो गया.
  • छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को लागू किया गया. इस उस वक्त 1.86 गुना रखा गया था. इससे कर्मचारियों को सैलरी में सबसे बड़ा हाइक मिला. उनकी न्यूनतम सैलरी में 54 फीसदी का इजाफा हुआ. इससे बेसिक सैलरी बढ़कर 7000 रुपए हो गई.
  • साल 2014 में 7th Pay Commission का गठन हुआ. इसे साल 2016 में लागू किया गया. इसमें भी फिटमेंट फैक्टर को आधार मानते हुए 2.57 गुना की वृद्धि की गई. लेकिन, वेतन वृद्धि जो हुई वो 14.29 फीसदी ही हुई. हालांकि, बेसिक सैलरी बढ़कर 18000 रुपए हुई. कर्मचारियों ने इसका विरोध जताते हुए फिटमेंट बढ़ाने पर जोर दिया. लेकिन, फिलहाल ये 2.57 गुना पर स्थिर है.

आठवें वेतन आयोग में कितनी बढ़ सकती है न्यूनतम सैलरी?

8वें वेतन आयोग का गठन अगर होता है तो इसमें भी फिटमेंट फैक्टर को ही आधार रखा जा सकता है. इस आधार पर कर्मचारियों का फिटमेंट 3.68 गुना किया जा सकता है. ऐसे में कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में 44.44% की वृद्धि हो सकती है. इससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपए या इससे ज्यादा भी हो सकता है.