इसका मकसद CGHS लाभार्थियों की डिजिटल स्वास्थ्य पहचान बनाना और उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को कलेक्ट करना है। इसके जरिए जरूरतमंदों को त्वरित उपचार सुनिश्चित किया जा सकेगा।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अहम खबर है। दरअसल, केंद्र सरकार आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के साथ स्वास्थ्य योजना (CGHS) को इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया में है। इसका मकसद CGHS लाभार्थियों की डिजिटल स्वास्थ्य पहचान बनाना और उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को कलेक्ट करना है। इसके जरिए जरूरतमंदों को त्वरित उपचार सुनिश्चित किया जा सकेगा। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बता दें कि CGHS केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना है। CGHS की शुरुआत 1954 में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। वर्तमान में योजना के तहत 75 शहरों में 4.1 मिलियन से अधिक लाभार्थी शामिल हैं। 

दिया था स्पष्टीकरण: हाल ही में सरकार ने CGHS को लेकर एक स्पष्टीकरण दिया है। इसमें कहा गया है कि CGHS के तहत सूचीबद्ध अस्पताल इलाज के क्लेम के लिए एक ही समय में दो अलग-अलग बिल तैयार नहीं कर सकते हैं। सरकार के मुताबिक इन दिशानिर्देशों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से देखा जाएगा।

यह संभव है कि अस्पताल को CGHS पैनल से हटाने के अलावा नियमों और शर्तों के अनुसार उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि CGHS में सूचीबद्ध अस्पतालों में वार्डों का आवंटन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंधित 7वें वेतन आयोग के मूल वेतन स्तर के अनुसार किया जाता है। सुविधा का लाभ लेने के लिए CGHS कार्ड होना जरूरी है।