वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को रेल यात्रियों की काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। यह ट्रेन अब स्लीपर संस्करण में भी दौड़ेगी। रेल अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस ट्रेन के स्लीपर संस्करण को 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा के लिए डिजाइन किया जाएगा। हालांकि, इस ट्रेन के एल्युमीनियम निर्मित स्लीपर संस्करण में पटरियों पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा होगी।

रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए निविदा जारी की

अधिकारी ने बताया कि चेयर कार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चरणबद्ध तरीके से शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेंगी। जबकि, स्लीपर संस्करण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का विकल्प होंगी। उन्होंने बताया कि रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए निविदा जारी की है और इस महीने के अंत तक काम को मंजूरी मिल जाएगी। ऐसी शुरुआती ट्रेनें स्वदेश निर्मित ट्रेनों का स्लीपर संस्करण भी हो सकती हैं। चार मुख्य घरेलू और विदेशी कंपनियों ने उत्पादन में रुचि जताई हैं।

शताब्दी की तर्ज पर पहली 200 वंदे भारत ट्रेनें

रेलवे की ऐसी योजना है कि पहली 200 वंदे भारत ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर बैठने की सुविधा होगी और इन्हें 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा के लिए डिजाइन किया जाएगा। हालांकि, रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते इनकी गति 130 किमी प्रति घंटे तक सीमित रखी जाएगा। ये ट्रेनें स्टील से बनेंगी।

दूसरे चरण की 200 वंदे भारत ट्रेनें होंगी स्लीपर

दूसरे चरण में एल्यूमिनियम से निर्मित स्लीपर श्रेणी की 200 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों की अधिकतम गति 200 किमी प्रति घंटा होगी। इसके लिए दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रेलवे ट्रैक की पटरियों की मरम्मत की जा रही है एवं सिगनल प्रणाली सुधारी जा रही है। इसके अलावा दोनों रेल मार्गों पर 1,800 करोड़ रुपये की लागत से टक्कर रोधी तकनीकी ढाल लगाई जा रही है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि अगले दो वर्षों में 400 ट्रेनें तैयार की जाएंगी।