Layoffs: मेटा और ट्विटर के बाद अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी का नया दौर बुधवार से शुरू हो गया। इससे अमेजन के 18 हजार और माइक्रोसॉफ्ट के 11 हजार कर्मचारियों पर गाज गिरेगी। जानें क्यों हो रही छंटनी?
मेटा और ट्विटर के बाद अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी का नया दौर बुधवार से शुरू हो गया। इससे अमेजन के 18 हजार और माइक्रोसॉफ्ट के 11 हजार कर्मचारियों पर गाज गिरेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक छंटनी का असर दोनों कंपनियों के भारत में मौजूद कर्मचारियों पर भी पड़ेगा। दुनियाभर में अमेजन के 3.5 लाख कर्मचारी और माइक्रोसॉफ्ट के 2.11 लाख कर्मचारी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन में छंटनी के नए दौर से रीटेल क्षेत्र और मानव संसाधन विभाग में काम करने वालों की नौकरी जाएगी। पिछले साल एलेक्सा डिजिटल असिस्टेंट और इको स्मार्ट स्पीकर बनाने वाले अमेजन के डिवाइसेस एंड सर्विसेज ग्रुप के कर्मचारियों को यह मार झेलनी पड़ी थी। अमेजन इंडिया के एक हजार कर्मचारी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
वहीं, माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी का असर इंजीनियरिंग विभाग पर पड़ेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले साल अलगअलग विभागों से लगभग एक हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। पर्सनल कंप्यूटर बाजार में गिरावट के बाद विंडोज और उपकरणों की बिक्री को नुकसान पहुंचने के बाद माइक्रोसॉफ्ट अपनी क्लाउड इकाई एज्योर में विकास दर बनाए रखने के लिए दबाव में है।
फैसला लेने को मजबूर : नडेला
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने छंटनी को लेकर अपने कर्मचारियों को एक ईमेल किया है। इसमें उन्होंने कहा है, आर्थिक स्थितियों और बदलती प्राथमिकताओं की वजह से यह फैसला (छंटनी) लेने को हम मजबूर हैं। मुझे विश्वास है कि माइक्रोसॉफ्ट इस स्थिति से जल्द ही उभर जाएगा। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए हमारा ऐसा करना जरूरी है।
साल की शुरुआत ही खराब
2023 के शुरुआती 15 दिनों में 91 कंपनियों ने आईटी से जुड़े 24 हजार से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यानी हर दिन लगभग 1600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया। यह आंकड़ा आने वाले दिनों के लिए बुरे संकेत दे रहा है।
दुनियाभर में पिछले साल इतनी नौकरियां गईं
- 154336 कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया कुल एक हजार कंपनियों ने
- 11 हजार कर्मियों को निकाला फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने
- 1200 की छंटनी की स्नैपचैट ने
- 7,500 को नौकरी से निकाला ट्विटर ने
सर्च करें
ई- पेपर
ऐप में फ्री
बजट
ब्रीफ
देश
मनोरंजन
विदेश
बिजनेस
करियर
धर्म
लाइफस्टाइल
गैजेट्स
ऑटो
छंटनी के पीछे के कारण
- कोरोना महामारी की वजह से उपजा आर्थिक संकट
- मुद्रास्फीति, मंदी का डर और व्यापार में धीमी वृद्धि
- लागत में कटौती पर ध्यान
- बढ़ती ब्याज दर, उधार लेने की क्षमता घटी
भारतीय स्टार्टअप भी दिखा रहे बाहर का रास्ता
भारतीय स्टार्टअप भी 2023 में छंटनी का दौर जारी रखेंगे। इस महीने ही 11 टेक स्टार्टअप 1400 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच लागत में कटौती के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। पिछले साल भी बड़ी संख्या में लोगों की छंटनी की गई थी।
- स्ट्राइप 14 फीसदी
- क्रैकेन 30 फीसदी
- सिस्को 5 फीसदी
नई भर्तियां न होने से आईटी कंपनियों का प्रति कर्मचारी मुनाफा बढ़ा
भारत की प्रमुख आईटी कंपनियों द्वारा नई भर्तियों को रोकने से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उद्योग का प्रति कर्मचारी मुनाफा बढ़ गया है। शीर्ष चार आईटी कंपनियों का अक्टूबरदिसंबर तिमाही में प्रति कर्मचारी शुद्ध मुनाफा 1.7 लाख रुपये रहा। यह इसी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 1.57 लाख रुपये से 8.6 फीसदी अधिक है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन कंपनियों का प्रति कर्मचारी शुद्ध मुनाफा सबसे कम 1.47 लाख रुपये था। वित्त वर्ष 2021 की अक्टूबरदिसंबर तिमाही में में शीर्ष चार आईटी फर्मों का प्रति कर्मचारी शद्ध मुनाफा सबसे अधिक 1.95 लाख रुपये था। इन आईटी कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो है।
भारत में हर पांच में से चार पेशेवर नई नौकरी की तलाश में
रोजगार की अनिश्चितताओं के बीच नौकरी बदलने का मौका खोजने वाले पेशेवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लिंक्डइन की एक रिपोर्ट के अनुसार हर पांच से चार व्यक्ति यानी लगभग 80 फीसदी भारतीय पेशेवर 2023 में नौकरी बदलने का सोच रहे हैं। पेशेवरों के दृष्टिकोण में आए इस बदलाव का बड़ा कारण दिसंबर 2022 में वर्ष 2021 की तुलना में नौकरी पर रखने के स्तर आई 23 फीसदी की कमी है। 2023 में नौकरी बदलने की इच्छा रखने वालों में 88 फीसदी की उम्र 18 से 24 वर्ष के बीच है। सर्वे में शामिल 78 फीसदी ने कहा कि अगर उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़े तो वे दूसरे तरह के मौके तलाशेंगे।