रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वैष्णव ने कहा कि सरकारी एवं निजी सहभागिता (पीपीपी) के माध्यम से नियमित रेलगाड़ी सेवाओं के परिचालन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। रेल मंत्री ने इस सवाल को भी खारिज किया कि हाल में रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के माध्यम से भर्ती किए गए कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है और संविदा कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है।

भारतीय रेल के बेड़े में सोलर ट्रेन को शामिल करने का नहीं है कोई प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि 30 नवंबर तक भारत गौरव योजना के तहत कुल 26 वाणिज्यिक फेरे परिचालित किए गए हैं। संबंधित पोर्टल पर 15 सेवा प्रदाताओं को पंजीकृत किया गया है। इनमें चार को उनकी मांग के अनुसार रेक आवंटित किया गया है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेल के बेड़े में सोलर ट्रेन को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि सौर प्रणाली दिन में काम करती है और चार-पांच घंटे का बैटरी बैकअप देती है। धुंध व बारिश में यह प्रणाली ठीक से कार्य नहीं करती है और मौसम की स्थिति के आधार पर बैटरी बैकअप 2 से 3 घंटे तक कम हो जाता है। इसलिए इसपर अब आगे काम नहीं किया गया है।

तीन वर्षों में सौ गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनेंगे

गति शक्ति कार्गो टर्मिनल (जीसीटी) नीति के तहत अगले तीन वर्षों में जीसीटी विकसित करने का लक्ष्य है। 22 जीसीटी पर पहले से ही काम शुरू है। बाकी के विकास के लिए रेलवे को 125 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 79 को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। रेल, संचार और इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उद्योग की मांग और कार्गो यातायात की क्षमता के आधार पर जीसीटी के स्थान तय किए जा रहे हैं।

टर्मिनल को गैर-रेलवे भूमि पर किया जाएगा विकसित

उन्होंने कहा कि टर्मिनल को गैर-रेलवे भूमि पर विकसित करना है। इसके लिए जीसीटी आपरेटरों को स्थान की पहचान करने का जिम्मा दिया गया है। रेलवे भूमि पर पूरी तरह से या आंशिक रूप से विकसित करने के लिए रेलवे द्वारा जमीन की पहचान की जाएगी और टर्मिनल के निर्माण और संचालन के लिए जीसीटी आपरेटरों का चयन निविदा प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा।