ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बताया है कि ज्यादातर रियायतों को सरकार की ओर से ग्रीन सिग्‍नल मिल चुका है। उम्मीद है कि संसद के इस सत्र में सीनियर सिटीजन और पत्रकारों को मिलने वाली रियायत पर भी मंजूरी की मुहर लग जाएगी।

सीनियर सिटीजन को रेल टिकटों में मिलने वाली रियायत फिर से शुरू होने की उम्मीद जग गई है। वरिष्ठ महिला और पुरुषों के साथ साथ पत्रकारों के लिए भी ट्रेनों में पहले की तरह छूट की व्यवस्था बहाल हो सकती है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बताया है कि ज्यादातर रियायतों को सरकार की ओर से ग्रीन सिग्‍नल मिल चुका है। उम्मीद है कि संसद के इस सत्र में सीनियर सिटीजन और पत्रकारों को मिलने वाली रियायत पर भी मंजूरी की मुहर लग जाएगी।

यानी कोरोना काल में बंद गई यह सुविधा दोबारा शुरू होने की उम्‍मीद एक बार फिर जग गई है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री सोमवार को धनबाद के रेलवे ऑडिटोरियम में आयोजित सेंट्रल ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के केंद्रीय परिषद की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे।

एआइआरएफ महामंत्री ने कहा कि अब पुरानी पेंशन स्कीम लाने के लिए 17 नवंबर को बैठक बुलाई गई है, जिसमें दूसरे संगठनों को भी न्योता दिया गया है। बैठक में सामूहिक संघर्ष की रणनीति तय होगी। पुरानी पेंशन स्कीम राजनीतिक मुद्दा बन गया है। उन्‍होंने कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के पुरी में होने वाले अधिवेशन में पुरानी पेंशन स्कीम समेत अन्य सभी मुद्दों पर बातचीत होगी।

दो सौ वोट लाकर बन सकते हैं सांसद और विधायक, लेकिन ट्रेड यूनियन में 51 फीसद की बाध्‍यता

एआइआरएफ महामंत्री ने ट्रेड यूनियन के चुनाव को लेकर जारी शर्त पर भी सवाल उठाया। कहा कि दो सौ वोट लाकर भी सांसद और विधायक बन सकते हैं, लेकिन ट्रेड यूनियन के चुनाव के लिए 51 फीसद वोट लाने की बाध्यता तय की गई है, जिससे सरकार की मंशा साफ है कि ट्रेड यूनियन का अस्तित्व समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। मौके पर सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष डीके पांडेय, जियाउद्दीन, एनके खवास, एनजे सुभाष समेत अन्य थे।