लगातार इस तरह के सवाल हमें मिल रहे हैं कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अगला वेतन आयोग लाएगी या नहीं? और सैलरी के लिए कौन से फॉर्मूले का इस्तेमाल होगा. अगर आप भी इस कन्फ्यूजन में हैं तो जान लीजिए जरूरी अपडेट.

केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत सैलरी कंपोनेंट्स का फायदा मिल रहा है. सबसे बड़ा फायदा उन्हें महंगाई भत्ते (Dearness allowance) के रूप में मिलता है. लेकिन, केंद्र सरकार (Modi Government) जल्द ही सरकारी कर्मचारियों को बड़ा अपडेट दे सकती है. उनके लिए सैलरी बढ़ाने का नया फॉर्मूला आ सकता है.

नया वेतन आयोग लाने के पक्ष में नहीं सरकार (NO More Pay Commission)

भूतपूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने जुलाई 2016 में ही वेतन आयोग पर बोलते हुए कहा था- अब वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का कोई नया पैमाना होना चाहिए. वित्त मंत्रालय (Finance ministry) के सूत्रों के मुताबिक, सरकार अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग लाने के पक्ष में नहीं है. सरकार ऐसी व्यवस्था पर काम कर रही है जिससे कर्मचारियों की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के आधार पर बढ़े. 

50% DA होने पर होगा सैलरी रिविजन (Salary revision on DA Hike after 50%)

सूत्रों के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) के बाद अब अगला वेतन आयोग आना मुश्किल है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा DA होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन हो जाए. इसके लिए ‘ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम’ बनाया जा सकता है. वहीं, कर्मचारियों का भी मानना है कि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए वेतन वृद्धि के लिए साल 2016 से चली आ रही सिफारिशों से उनके लिए गुजारा करना मुश्किल होगा. हालांकि, सरकार की तरफ से इस पर अभी अंतिम फैसला लिया जाना है.

किन कर्मचारियों को मिलेगी फायदा? (Which employees get benefit)

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, अरुण जेटली चाहते थे कि मध्य स्तर के कर्मचारियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होनी चाहिए. अधिकारी के मुताबिक, नए फॉर्मूले के बाद आय के ध्रुवीकरण (income polarization) के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों (broad mid-level employees) के स्तर पर ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी. लेकिन, निम्न स्तर के कर्मचारियों को इसमें फायदा होता दिख सकता है.

21 हजार रुपए हो सकती है न्यूनतम बेसिक सैलरी (Minimum basic salary hike)

पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारी को उनकी कम से कम सैलरी 21 हजार के बीच हो सकती है. नरेंद्र मोदी सरकार अगले वेतन आयोग के पक्ष में नहीं है. वेतन आयोग का ट्रेंड देखें तो हर 8-10 साल के बीच इसे लागू किया जाता है. लेकिन, इस बार इसे बदलकर साल 2024 में नए फॉर्मूला लागू किया जा सकता है. सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना होनी चाहिए. 7th Pay commission में वृद्धि सबसे कम हुई थी.

फिटमेंट फैक्टर को लेकर क्या है अपडेट? (Fitment factor revision)

पिछले कुछ दिनों से मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि सरकार जल्द ही केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, साल 2022 में फिटमेंट फैक्टर में इजाफा (Fitment factor hike) नहीं होगा. सरकार फिलहाल फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. कोविड (Covid-19) और महंगाई (Inflation) के चलते इस अतिरिक्त वित्तीय बोझ से स्थितियां गड़बड़ा सकती हैं. सूत्रों की मानें तो अब फिटमेंट फैक्टर पर भी फैसला तभी होगा, जब सैलरी बढ़ाने का नया फॉर्मूला लाए जाए. उससे पहले किसी भी तरह के कयास लगाना मुश्किल है. सरकार लगातार इस पर काम कर रही है कि कोई ऐसा फॉर्मूला बनाया जाए, जिससे समय-समय पर सैलरी में इजाफा होता रहे.