रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव 7 नवंबर को अंबाला रेल मंडल के दौरे पर आ रहे हैं। रेल मंत्री के आगमन से पहले रेल अधिकारी आपस में ही खुद उलझ गए हैं। सारा विवाद चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर (सीएचआइ) की सहारनपुर रेलवे स्टेशन और कॉलोनी में करीब 15 साल से तैनाती को लेकर हो रहा है।

जुलाई माह में जब रेल मंत्री सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर आए थे, तब यह विवाद उनके सामने आया। सीएचआइ रेलवे की एक एसोसिएशन से जुड़ा हुआ है, इसलिए अधिकारियों ने भी पहले चुप्पी साधे रखी। ‌ अब मामला रेल मंत्री के सामने आ चुका है, ऐसे में हरकत में आए अंबाला रेल मंडल के अधिकारियों ने सीएचआइ का तबादला करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी।

सीएचआइ का तबादला सहारनपुर से जगाधरी वर्कशाप कालोनी कर दिया गया। अभी इंस्पेक्टर रिलीव भी नहीं हुआ कि अब उसको सहारनपुर ही रोकने का खेल खेला जा रहा है। हालांकि सीनियर डीसीएम हरि मोहन ने फाइल पर तबादला फिर सहारनपुर करने को लेकर तीखी टिप्पणी कर दी है। ‌

जगाधरी के के तबादले पर अधिकारी ने अपनी सहमति जताई है। ऐसे में पर्सनल विभाग के पाले में गेंद पहुंच गई है। हालांकि चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट (सीएमएस) नहीं चाहते सीएचआइ का तबादला अब जगाधरी वर्कशॉप की कालोनी में हों। अब कमर्शियल और स्वास्थ्य विभाग के बीच तबादले को लेकर खेल शुरू हो गया।

ढाई साल पहले स्टेशन पर हुई तैनाती

सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर सीएचआई का तबादला करीब ढाई साल पहले ही किया गया था। इससे पहले सन् 2007 से उसकी तैनाती सहारनपुर रेलवे स्टेशन कॉलोनी में थी। जब लंबे समय कार्यकाल सहारनपुर होने को लेकर विवाद उठा तो दिल्ली के अधिकारियों ने भी जवाब तलब कर दिया। ऐसे में सीएमएस में तबादले की फाइल चलाई जगाधरी वर्कशॉप ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌की कॉलोनी में कर दिया।

सीनियर डीसीएम ने भी इस फाइल को ओके कर दिया। तबादला आदेश जारी हो गए लेकिन सीएमएस अब खुद ही बैकफुट पर नजर आ गए। अब इंस्पेक्टर का तबादला अब सहारनपुर रेलवे कॉलोनी में करने की फाइल फिर से चला दी। ऐसे में सीनियर डीसीएम ने फाइल पर ही आपत्ति जता दी है। अब रेल मंत्री 7 नवंबर को फिर से सहारनपुर में आ रहे हैं। ऐसे में यह मामला फिर से उठ सकता है, इसलिए इस विवाद में डीआरएम मनदीप सिंह भाटिया या फिर उत्तर रेलवे के अधिकारी दख़ल कर मामला सुलझा सकते हैं।