सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी व उनके परिवार वालों को खांसी व बुखार होने पर इलाज कराने के लिए रेलवे अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होगी। अब वे अपने निकट के प्राइवेट अस्‍पताल में ही इलाज करा सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राहत पहुंचाने वाला आदेश जारी किया है। अब रिटायर कर्मियों को तीन हजार रुपये मासिक ओपीडी भत्‍ता मिलेगा। इससे छोटी मोटी बीमारी होने पर वे घर के पास ही इलाज करा सकेंगे।

रेलवे अस्‍पताल से दूर रहने वाले कर्मियों को होगा लाभ

रेलवे सेवानिवृत्त होने पर रेलवे कर्मचारियों व उसके आश्रितों को निश्शुल्क रेलवे अस्पताल में ओपीडी व गंभीर बीमारी होने पर रेलवे अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराने के साथ दवा भी उपलब्ध कराई जाती है। सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारी रेलवे क्वार्टर छोड़कर अपने घर चले जाते हैं। कुछ कर्मचारी गांव में रहना शुरू कर देते हैं। खांसी, बुखार व अन्य मामूली बीमारी होने पर सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी रेलवे अस्पताल दूर होने के कारण पास के प्राइवेट चिकित्सकों को इलाज कराते हैं और बाजार से दवा लेकर खाते हैं।

रेलवे अस्‍पताल से ढाई किमी से अधिक दूर निवास होने पर मिलेगा लाभ 

लंबे समय से सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा मांग की जा रही थी कि ओपीडी में इलाज कराने का खर्च रेलवे द्वारा दिया जाना चाहिए। रेलवे बोर्ड ने आखिरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मांग सुन ली है। रेलवे बोर्ड के उप निदेशक (पे कमीशन) सुधा ए कुजूर ने 29 अक्टूबर को सभी महाप्रबंधक को पत्र भेजा है। जिसमें कहा कि वैसे सेवानिवृत रेलवे कर्मचारी या विधवा पेंशन लेने वाली महिलाएं जो रेलवे अस्पताल से 2.5 किलोमीटर दूर रहती हैं, उन्‍हें प्रत्येक माह तीन हजार रुपये ओपीडी भत्ता दिया जाएगा।

भत्‍ता लेने वाले कर्मियों को रेलवे अस्‍पताल में नहीं मिलेगी ओपीडी सुविधा

इस सुविधा का लाभ लेने वाले पेंशनर को आवेदन करना होगा। आवेदन करने वालों पेंशनर को रेलवे अस्पताल में ओपीडी में इलाज व दवा देने जैसी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। केवल गंभीर बीमार होने पर ही रेलवे अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कर निश्शुल्क इलाज की सुविधा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 

प्रत्‍येक कर्मी को एक साल में मिलेंगे 36 हजार रुपये

इस आदेश के बाद मुरादाबाद रेल मंडल में पेंशन पाने वाले 75 हजार से अधिक कर्मियों को लाभ मिलेगा। गांव में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी भी सर्दी, खांसी होने पर नजदीक के प्राइवेट चिकित्सक से इलाज करा सकते हैं और बाजार से दवा खरीद कर खा सकते हैं। इस आदेश के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ओपीडी में इलाज कराने के लिए एक साल में 36 हजार रुपये मिलेंगे।