केंद्र सरकार के अधीन आने वाले दफ्तरों में रेलवे देश में पहला होगा, जहां कर्मचारियों का गोपनीय प्रतिवेदन (सीआर) लिखने की अंग्रेज जमाने की व्यवस्था बदली जा रही है। रेलवे से एक आदेश आया है, जिसके मुताबिक सत्र 2022-23 से कर्मचारी भी अपने अफसरों की सीआर लिख सकेंगे और रिमार्किंग भी करेंगे। इसके लिए पहले से मौजूद डेटाबेस सिस्टम एचआरएमएस यानी ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है।

इसका लिंक जल्द ही सभी कर्मचारियों को दिया जाएगा। सिस्टम की खास बात ये है कि किसी अफसर को पता नहीं चल पाएगा और उसके मातहत कर्मचारियों ने उसके बारे में सीआर में क्या बातें लिखी हैं। रेल मंत्रालय ने वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की सालों से चली आ रही परंपरा को इसलिए बदला है ताकि मल्टी सोर्स फीडबैक सिस्टम प्रभावी बन सके। डेटाबेस बनने के बाद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को लिंक दिया जाएगा, जिससे वे स्पेरो सिस्टम (इलेक्ट्रानिक एनुअल परफार्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट) में अपना रिमार्क दर्ज करेंगे।

इससे वर्क कल्चर बदलेगा
आला अफसरों का दावा है कि अधिकारी अब मातहत कर्मचारियों को किसी तरह से प्रताड़ित नहीं कर सकेंगे। गोपनीय प्रतिवेदन खराब करने का डर दिखाकर निजी या नियमविरुद्ध काम करवाने की अघोषित प्रथा भी बंद हो जाएगी, क्योंकि अधिकारियों को भी अपनी सीआर खराब होने का डर बनेगा।