ट्रेन के स्लीपर क्लास (Sleeper Class) का आरक्षित टिकट (Railway Reservation Ticket) लेने के बाद कई बार कुछ भाग्यशाली यात्रियों को ऊंची क्लास में सफर करने का मौका मिल जाता है, वह भी बिना किसी अतिरिक्त चार्ज दिए बिना। ऐसा रेलवे के अपग्रेड सिस्टम से होता है।

टिकट के अपग्रेड होने का संदेश यात्री के रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर ट्रेन का चार्ट बनने के बाद आता है। ट्रेन का आरक्षण चार्ट (Reservation Chart) बनते ही स्लीपर क्लास में सफर करने वाले यात्रियों के मोबाइल पर एसी थ्री या एसी टू में यात्रा करने का संदेश पहुंच जाता है। इसके बाद यात्री बिना अतिरिक्त चार्ज दिए एसी में सफर करते हैं।

जुलाई से सितंबर तक रेलवे का होता है ऑफ सीजन

बीच रास्ते से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों को भी इसी तरीके से कन्फर्म सीट मिल जाती है। जुलाई से सितंबर तक रेलवे में ऑफ सीजन माना जाता है। इस सीजन में कई ट्रेनों में एसी में यात्रियों संख्या कम होती है। स्लीपर में यात्रियों की संख्या कुछ अधिक होती है।

रेलवे ने अधिक से अधिक यात्रियों को बर्थ उपलब्ध कराने के लिए अपग्रेड सिस्टम बना रखा है। एसी में बर्थ खाली होने पर स्लीपर क्लास के यात्रियों को आवंटित कर दी जाती है। जिससे स्लीपर में वेटिंग टिकट वाले को कंफर्म बर्थ मिल जाती है। बीच रास्ते में आरक्षण टिकट लेकर सफर करने वाले यात्रियों को भी आसानी से बर्थ उपलब्ध हो जाती है।

इसके कारण मालदा टाउन से नई दिल्ली जाने वाली एक्सप्रेस, हावड़ा से देहरादून जाने वाली उपासना एक्सप्रेस, कामाख्या से कटरा जाने वाली एक्सप्रेस, राजेंद्र नगर से जम्मूतवी जाने वाली अर्चना एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों में टिकट के अपग्रेड हो रहे हैं और स्लीपर के यात्री बिना अतिरिक्त किराया दिए ही एसी में सफर कर रहे हैं।

कैसे मिल सकती है अपग्रेड सिस्टम से सीट

आफ सीजन होने के बाद लखनऊ मेल, श्रमजीवी एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, राप्तिगंगा एक्सप्रेस में बर्थ खाली नहीं रहती है। इसलिए इन ट्रेनों में टिकट अपग्रेड नहीं हो पाता है। टिकट अपग्रेड सिस्टम का लाभ लेने के ऑन लाइन आरक्षण कराते समय ऑटो अपग्रेड के ऑप्शन पर बस चेक करना होता है।

चुनना होता है अपग्रेड का विकल्प 

अपग्रेड की सुविधा के लिए यात्रियों को आरक्षण टिकट लेते समय अपग्रेड का विकल्प चुनना होता है। यह सुविधा आनलाइन व आफलाइन टिकट लेने वालों के लिए होती है। आफलाइन टिकट लेते समय बुकिंग क्लर्क को अपग्रेड होने का विकल्प भरने का अनुरोध करना पड़ता है। वरिष्ठ मंडल रेल प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि आफ सीजन होने से ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम हो गई है। अपग्रेड का विकल्प चुनने वाले को स्लीपर के टिकट पर एसी में सफर करने की सुविधा मिल रही है।