केंद्र सरकार का कहना है कि 8वां केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) गठित करने का सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मालूम हो कि 1947 से अब तक कम से कम सात वेतन आयोगों का गठन किया गया है। हर दस साल के बाद, केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव करने के लिए एक वेतन आयोग का गठन करती है। 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) 28 फरवरी, 2014 को गठित किया गया था।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वां केंद्रीय वेतन आयोग गठित करने का अभी कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। सरकार से सवाल पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार के पास कोई ऐसा प्रस्ताव है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का समय पर गठन सुनिश्चित किया जा सके। ताकि इसे 1 जनवरी, 2026 को लागू किया जा सके।

केंद्रीय मंत्री ने बढ़ती महंगाई के मद्देनजर वेतन बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि महंगाई के कारण केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन के वास्तविक मूल्य में गिरावट की भरपाई के लिए उनको महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान किया जाता है। यही नहीं कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के तहत आकलित मुद्रास्फीति की दर के आधार पर हर 6 महीने में डीए को समय-समय पर संशोधित भी किया जाता है।

मालूम हो कि देश में पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में स्थापित किया गया था। वेतन आयोग का संवैधानिक ढांचा व्यय विभाग (वित्त मंत्रालय) के अंतर्गत आता है। वहीं केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार देश भर में रहने वाले लगभग 50 लाख बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए श्रम कल्याण योजना चला रही है। इस योजना में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, छात्रवृत्ति और आवास की परिकल्पना है।