इस समय केंद्रीय कर्मचारियों को 34 फीसदी डीए मिल रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी की घोषणा अगस्त महीने में हो सकती है। महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है। महंगाई भत्ते की गणना बेसिक सैलरी पर होती है।

हाइलाइट्स

  • जनवरी में केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में हुई थी 3 फीसदी की बढ़ोतरी
  • 4 फीसदी बढ़कर अब 38 फीसदी हो जाएगा महंगाई भत्ता
  • बढ़ जाएगा पीएफ और ग्रैच्युटी में योगदान
  • 1.16 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनर्स को होगा फायदा

केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) की सैलरी में जल्द ही बड़ी बढ़ोतरी होने वाली है। इन कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में चार फीसदी या इससे अधिक का इजाफा हो सकता है। महंगाई के आंकड़े यानी AICPI इंडेक्स साफ संकेत देते हैं कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होनी तय है। डीए के साथ ही चार दूसरे भत्तों में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर साल में दो बार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) तय करती है। साल में दो बार यानी जनवरी और जुलाई में डीए तय होता है। सरकार ने जनवरी में महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इस इजाफे से यह 34 फीसदी हो गया था।

बढ़ोतरी के बाद 38 फीसदी हो जाएगा महंगाई भत्ता
इस समय केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 34 फीसदी डीए व डीआर (DR) मिल रहा है। महंगाई भत्ते में इस बार कम से कम 4 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इससे महंगाई भत्ता 38 फीसदी हो जाएगा। डीए और डीआर में इस बढ़ोतरी से 1.16 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनर्स को फायदा होगा। केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी की घोषणा अगस्त महीने में हो सकती है।

सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी
महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है। महंगाई भत्ते की गणना बेसिक सैलरी पर होती है। अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है, तो 4 फीसदी डीए बढ़ोतरी से उसके 800 रुपये बढ़ जाएंगे। वहीं, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 1,8000 रुपये है, तो 34 फीसदी के हिसाब से उसे 6,120 रुपये डीए मिलता है। अगर डीए 38 फीसदी हो जाता है, तो कर्मचारी को महंगाई भत्ते के तौर पर 6840 रुपये मिलेंगे। यानी उसे 720 रुपये अधिक मिलेंगे।

बढ़ेगा पीएफ और ग्रैच्युटी योगदान
डीए बढ़ने से कर्मचारी के पीएफ और ग्रैच्युटी कंट्रीब्यूशन में भी इजाफा होता है। इसकी वजह यह है कि यह कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए से कटता है। डीए बढ़ने से कर्मचारियों के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और सिटी अलाउंस बढ़ने का रास्ता भी साफ होता है।