7th Pay Commission latest news: सरकार का फोकस इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक समान फायदा हो. अभी ग्रेड-पे (Grade-Pay) के मुताबिक हर किसी की सैलरी में बड़ा अंतर है.

केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employee) के लिए आने वाले दिनों में गुड न्यूज मिल सकती है. सूत्रों की मानें तो अगले वेतन आयोग (8th Pay Commission) में सैलरी की बढ़ोतरी के लिए नया फॉर्मूला तैयार होगा. फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से बढ़ने वाली सैलरी से अलग नए फॉर्मूले पर विचार हो सकता है. हाल ही में केंद्र सरकार (Modi Government) ने कर्मचारियों को 18 महीने का डीए एरियर (DA Arrear) देने से इनकार कर दिया है. नई चर्चा से कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिल सकती है. हालांकि, नया फॉर्मूला 2024 के बाद लागू होने की संभावना है.

हर साल तय होगी बेसिक सैलरी

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं. उस बात को 5 साल बीत चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (CG Employee Salary) तय करने के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में नए फॉर्मूले से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (Salary increment new formula) हर साल तय होगी. हालांकि, इस मामले में सरकार की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है. सूत्रों का मानना है कि अब वक्त है जब वेतन आयोग (Pay Commission) से अलग सैलरी बढ़ाने के फॉर्मूले पर विचार होना चाहिए. कॉस्ट ऑफ लिविंग (Cost of living) लगातार बढ़ रही है. ऐसे में हर साल कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करना ज्यादा बेहतर विकल्प रहेगा.

क्या है वो नया फॉर्मूला जिसकी चर्चा है?

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी के लिए Aykroyd फॉर्मूला पर विचार हो सकता है. इस नए फॉर्मूले की चर्चा काफी वक्त से हो रही है. दरअसल, अभी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी (Minimum Basic Salary) तय की जाती है. इस पर हर छह महीने में महंगाई भत्ता (Dearness allowance) रिवाइज होता है. लेकिन, बेसिक सैलरी में कोई इजाफा नहीं होता. जानकारों के मुताबिक, नए फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई (Inflation rate), कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस (Performance) से जोड़ा जाएगा. इन सब चीजों के आंकलन के बाद हर साल सैलरी में इजाफा हो सकेगा. यह बिल्कुल इस तरह होगा, जैसे प्राइवेट सेक्टर कंपनियों में होता है. 

क्यों बनाया जा सकता है नया फॉर्मूला?

सरकार का फोकस इस बात पर है कि सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक समान फायदा हो. अभी ग्रेड-पे (Grade-Pay) के मुताबिक हर किसी की सैलरी में बड़ा अंतर है. लेकिन, नए फॉर्मूला आने से इस अंतर को भी पाटने की कोशिश हो सकती है. सरकारी महकमों में अभी कुल 14 पे-ग्रेड हैं. हर पे-ग्रेड में कर्मचारी से लेकर अधिकारी शामिल हैं. लेकिन, इनकी सैलरी में बड़ा अंतर है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक अधिकारी ने ज़ी बिज़नेस डिजिटल से कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों के रहन-सहन को बेहतर बनाना ही सरकार का मकसद है. नए फॉर्मूले का सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर चर्चा नहीं हुई है. 8वां वेतन आयोग में क्या होगा यह कहना अभी जल्दबाजी है.

खान-पान और कपड़ों की महंगाई के साथ बढ़ेगी सैलरी

इन दिनों महंगाई लगातार बढ़ रही है. लेकिन, उसके मुकाबले सैलरी में इजाफा काफी कम होता है. जस्टिस माथुर ने 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के वक्त ही इशारा दिया था कि हम पे-स्ट्रक्चर को अब नए फॉर्मूले (Aykroyd Formula) की तरफ ले जाना चाहते हैं. इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग (Cost of living) को ध्यान में रखकर सैलरी तय की जाती है. आज के वक्त की ये जरूरत है कि कर्मचारियों को महंगाई की तुलना में सैलरी दी जाए. बता दें, Aykroyd फॉर्मूला लेखक वॉलेस रुडेल आयकरॉयड (Wallace Ruddell Aykroyd) ने दिया था. उनका मानना था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़ा सबसे जरूरी है. इनकी कीमत बढ़ने के साथ कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होना चाहिए.

7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर से बढ़ी थी सैलरी

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्र सरकार (Central government) ने कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से रिवाइज किया था. इसमें बेसिक सैलरी (Basic Salary) पे-ग्रेड 3 पर 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए किए गए थे. जस्टिस माथुर ने सिफारिश में कहा था कि सरकार को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer price Index) के मुताबिक, हर साल केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा करनी चाहिए.