Senior Citizens Railway Ticket: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि रियायतें देने से रेलवे पर लागत भारी पड़ती है, इसलिए सीनियर सिटीजन को फिलहाल किराए में छूट देना सही नहीं है.

 रेल मंत्रालय की तरफ से होली पर यात्रियों को तोहफे की जगह झटका दिया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि रियायतें देने से रेलवे पर लागत भारी पड़ती है, इसलिए सीनियर सीटिजन सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए रियायतों का दायरा बढ़ाना फिलहाल सही नहीं है. बता दें कि कोविड-19 के कारण प्रभावित हुए रेलवे के कई नियमों में अभी रियायत नहीं मिली है. इसी नियम में से एक वरिष्‍ठ नागरिकों को किराए में रियायत देना है, जिसे मार्च 2020 में हटा दिया गया था.

घटती कमाई के मद्देनजर लिया फैसला

कोरोना महामारी से पहले तक सीनियर सिटीजन को रेलवे की तरफ से किराए में छूट दी जाती थी. पिछले कई दिनों से लोगों की तरफ से इसकी फिर से मांग की जा रही थी. लेकिन रेल मंत्री ने इसे फिर से देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि रेलवे की 2020-21 का राजस्‍व 2019-20 के राजस्‍व के अपेक्षा कम था. रेलवे की घटती कमाई को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया गया है.

इन यात्रियों को मिलेगी छूट

बता दें कोरोना के दौरान रेल यात्रियों के लिए सेवाओं को जब दोबारा से शुरू किया गया था, तब टिकट पर छूट बंद कर दी गई थी. लेकिन कुछ स्पेशल केटेगरी वाले लोगों को किराए पर छूट मिल दोबारा से शुरू गई थी. इनमें 4 क्षेणी के दिव्यांगों, 11 गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और छात्रों को किराये में छूट मिलने लगी थी.

सीनियर सिटीजन को कितनी मिलती थी छूट?

गौरतलब है कि इंडियन रेलवे के सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को कोरोना के पहले टिकटों पर 50 फीसदी तक की रियायत मिलती थी. आपको बता दें कि 60 से अधिक उम्र के पुरुष और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे में सीनियर सिटीजन की केटेगरी में रखा जाता है. कोरोना काल से पहले तक राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पुरुषों को बेस फेयर में 40 फीसदी और महिलाओं को बेस फेयर में 50 फीसदी की छूट दी जाती थी.