PF Interest Calculation: ईपीएफओ की दो दिवसीय बैठक (EPF Meeting) में पीएफ की ब्याज दर (PF Interest Rate) घटाने का फैसला किया गया है। इसे 8.5 फीसदी से घटाकर अब 8.1 फीसदी कर दिया (pf interest rates slashed from 8.5 to 8.1%) गया है। दिसचस्प है कि यह दर पिछले करीब 44 सालों में सबसे कम है। आइए समझते हैं इस कटौती का आप पर क्या होगा असर।

नई दिल्ली: ईपीएफओ (EPFO) ने होली से पहले देश के लगभग 6 करोड़ कर्मचारियों बड़ा झटका दिया है। पीएफ की ब्याज दर को 8.5% से घटाकर 8.1% (pf interest rates slashed from 8.5 to 8.1%) कर दिया गया है। यानी आपको पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में 0.40 फीसदी की कटौती की गई है। यह पिछले करीब 44 सालों की सबसे कम ब्याज दर है। 1977-78 में ईपीएफओ ने 8 फीसदी का ब्याज दिया था और उसके बाद 8.25 फीसदी या उससे अधिक रही। आइए जानते हैं ब्याज दर घटने से पीएफ पर आपको मिलने वाले ब्याज पर कितना असर (PF Interest Calculation) पड़ेगा।

5 लाख पर 2 हजार का नुकसान

मान लीजिए आपके पीएफ अकाउंट में मार्च 2022 तक 5 लाख रुपये जमा हैं। 8.5 फीसदी की दर से आपको 5 लाख रुपये पर 42,500 रुपये का ब्याज मिलता। वहीं अब 8.1 फीसदी की ब्याज दर से आपको 40,500 रुपये का ही ब्याज मिलेगा। यानी आपको सीधे-सीधे 2 हजार रुपये का घाटा होगा। वहीं अगर ये ब्याज दर आने वाले सालों में भी यही रहती है तो आपका नुकसान भी बढ़ता जाएगा। अगर ब्याज दरें और कम हुईं तो अधिक नुकसान के लिए रहें तैयार।

समझिए सैलरी से कितना कटता है पीएफ का पैसा

एक कर्मचारी की सैलरी पर 12 फीसदी की कटौती ईपीएफ खाते के लिए की जाती है। अगर बात नियोक्ता की करें तो उसकी तरफ से की गई कटौती का 8.33 फीसदी हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है, जबकि बचा हुआ 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जाता है। वहीं कर्मचारी की तरफ से कटवाए गए पूरे 12 फीसदी ईपीएफ में जाते हैं। जब बात सैलरी की हो रही है तो 50 हजार रुपये की सैलरी को मानक मान लेते हैं। अगर नए वेज कोड को देखें तो उसके अनुसार कुल सैलरी का आधा हिस्सा बेसिक सैलरी (25 हजार) होता है। ऐसे में सैलरी पर कटने वाला पीएफ और उस पर मिलने वाले ब्याज की कैल्कुलेशन कुछ ऐसी होगी।

ईपीएफ और ईपीएस में कुल कितना योगदान

कर्मचारी की तरफ से ईपीएफ में योगदान (12%)- 3000 रुपये

कंपनी की तरफ से ईपीएफ में योगदान (3.67%)- 918 रुपये

कंपनी की तरफ से ईपीएस में योगदान (8.33%)- 2082 रुपये

यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है तो कंपनी और कर्मचारी दोनों का मिलाकर ईपीएफ में हर महीने कुल योगदान करीब 3918 रुपये होगा। वहीं आपको ईपीएस खाते में हर महीने 2082 रुपये जाएंगे।

पहले कितना मिलता था ब्याज, अब कितना मिलेगा

  • अगर पहले के हिसाब से देखें तो 8.5 फीसदी सालाना की दर से आपको 3918 रुपये पर ब्याज मिलता था, जो 333.03 रुपये बनता है। यानी सालाना आपको 8.5 फीसदी की कंपाउंड ब्याज की दर से 1,875.61 रुपये का ब्याज मिलता था।
  • अब पीएफ ब्याज दर को घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया है। यानी आपको हर महीने 317.35 रुपये का ब्याज मिलेगा। इस तरह 8.1 फीसदी की कंपाउंडिंग दर से आपको सालाना 1,785.35 रुपये का ब्याज मिलेगा।
  • इस तरह आपको सालाना 90.26 रुपये (1,875.61-1,785.35) का नुकसान झेलना होगा।