India Railway News: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने रेलवे स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग (Co-Branding) के लिए गाइडलाइंस (Railway Co-Branding Guidelines) जारी की हैं। को-ब्राइंडिंग का मतलब है कि स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड (Corporate Brand) का नाम जोड़ा जाएगा। हालांकि, टाइमटेबल, टिकट घोषणाओं और रूट मैप में स्टेशन का ओरिजनल नाम (Original Name of Railway Station) ही रहेगा। भारतीय रेलवे के अनुसार को-ब्रांडिंग का मकसद गैर-किराए वाला रेवेन्यू बढ़ाना है।

आने वाले दिनों में आपको भारतीय रेलवे (Indian Railways) स्टेशनों पर कमर्शियल ब्रांडिंग देखने को मिल सकती है। भारतीय रेलवे ने रेलवे स्टेशनों के नाम की को-ब्रांडिंग (Co-Branding) के लिए गाइडलाइंस (Railway Co-Branding Guidelines) जारी की हैं। गाइडलाइंस के अनुसार विज्ञापन देने वाली कंपनी की ब्रांडिंग स्टेशन परिसर में उस हर जगह पर होगी, जहां-जहां स्टेशन का नाम लिखा है। को-ब्राइंडिंग का मतलब है कि स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड का नाम जोड़ा जाएगा। यह नाम स्टेशन के नाम से पहले भी जुड़ सकता है और बाद में भी। ऐसा दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) वर्षों से कर रही है।

अब हर तरफ दिखेंगे ब्रांडिंग वाले ‘स्टेशन नेम’

इस ब्रांडिंग के बाद अब आपको स्टेशनों की एंट्री (Station Entry) पर और स्टेशन के अंदर भी स्टेशन के नाम के साथ ब्रांड्स के नाम दिखेंगे। हालांकि, टाइमटेबल, टिकट घोषणाओं और रूट मैप में स्टेशन का ओरिजनल नाम ही रहेगा। यहां एक बात ध्यान देने की है कि हेरिटेज बिल्डिंग (Heritage Building) या ऐसे स्टेशन जिनके नाम किसी लोकप्रिय हस्ती के नाम पर रखे गए हैं, उन स्टेशनों पर को-ब्रांडिंग नहीं की जाएगी।

को-ब्रांडिंग की गाइडलाइंस

  • सिर्फ स्टेशन के नाम वाले बोर्ड पर को-ब्रांडिंग होगी।
  • स्टेशन का आधिकारिक नाम नहीं बदलेगा।
  • सरोगेट या बैन हुए विज्ञापनों को दिखाने की इजाजत नहीं होगी।
  • स्टेशन के नाम के साथ दो शब्दों से अधिक का नाम नहीं जोड़ा जाएगा।
  • को-ब्रांडिंग एक अलग रंग में होगी।
  • को-ब्रांडिंग के शब्दों को ब्रांड के लोगो के साथ रिप्लेस किया जा सकेगा।

कमाई बढ़ाना है को-ब्रांडिंग का मकसद

भारतीय रेलवे के अनुसार को-ब्रांडिंग (Co-branding) का मकसद गैर-किराए वाला रेवेन्यू बढ़ाना है। को-ब्रांडिंग के वक्त यह ध्यान रखा जाएगा कि कोई राजनीतिक, धार्मिक, एल्कोहल वाली या तंबाकू बेचने वाली कंपनी का विज्ञापन ना हो। को-ब्रांडिंग में किसी व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल नहीं होगा। तो अगली बार जब आप किसी रेलवे स्टेशन जाएं तो वहां ध्यान दें कि को-ब्रांडिंग शुरू हो गई है या नहीं।