भारतीय रेलवे छोटे स्टेशनों पर भी अब टिकट बिक्री की व्यवस्था बदलने जा रही है। इससे स्टेशन मास्टर को टिकट बेचने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के स्टापेज वाले सी-श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर भी स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) द्वारा जनरल टिकट की बिक्री की जाएगी। उनको ही यात्रियों को ट्रेनों के आने व जाने से संबंधित जानकारी देनी होगी।

रेलवे धीरे-धीरे गैर ट्रेन संचालन विभाग से कर्मचारियों को कम कर रहा है। बुकिंग क्लर्क की भर्ती पर अघोषित रोक लगी है। हालत यह है कि एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन रुकने वाले सी श्रेणी के स्टेशनों पर बुकिंग क्लर्क नहीं हैं, वहां के स्टेशन मास्टर को टिकट बेचनी पड़ती है और यात्रियों को ट्रेनों के बारे में जानकारी देनी पड़ती है। इससे सुरक्षित ट्रेन संचालन में बाधा आती है। 

रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक (यात्री वाणिज्य) संजय मनोचा ने 22 फरवरी को पत्र जारी कर कहा कि डी-श्रेणी की तर्ज पर सी-श्रेणी के स्टेशनों पर स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (जेटीबीएस) तैनात करें। किसी भी हालत में स्टेशन मास्टर से टिकट की बिक्री नहीं कराएं। सी-श्रेणी पर तैनात एजेंट यात्रियों को ट्रेन संचालन संबंधित जानकारी भी देंगे। रेल प्रशासन एजेंट को टिकट बेचने के लिए सभी सुविधा उपलब्ध कराएगा और एक टिकट की बिक्री पर दो रुपये का कमीशन देगा। बोर्ड से इस आशय का पत्र आने के बाद सी-श्रेणी के स्टेशनों पर यात्रियों को आसानी से जनरल टिकट के साथ ट्रेनों के आने से संबंधित जानकारी भी मिल पाएगी।

बता दें कि रेलवे ने यात्रियों की संख्या, ट्रेनों की संख्या और आय के आधार पर स्टेशनों को पांच वर्ग में बांट रखा है। ई-श्रेणी के स्टेशन को हाल्ट कहा जाता है, यहां रेलवे का कोई कर्मचारी नहीं होता है। टिकट की ब्रिकी ठेकेदार द्वारा कराई जाती है। यहां केवल पैसेंजर ट्रेनें रुकती हैं। डी-श्रेणी के स्टेशन पर स्टेशन मास्टर व कर्मचारी तैनात होते हैं, यहां टिकट की बिक्री स्टेशन मास्टर को करनी पड़ती थी। रेलवे ने वहां टिकट बिक्री के लिए स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट तैनात कर दिए हैं।

इसी प्रकार सी-श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर रेलवे कर्मचारियों के तैनात होने के साथ एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रुकती हैं लेकिन, यात्रियों की संख्या कम होती है। इसके बावजूद टिकट की बिक्री करने के लिए बुकिंग क्लर्क होते हैं। ए व बी श्रेणी के बड़े स्टेशनों पर जनरल टिकट और आरक्षण टिकट की ब्रिकी के लिए अलग कर्मचारी की व्यवस्था होती है।