अधिकतर कंपनियां इस साल अपने कर्मचारियों के बढ़िया इन्क्रीमेंट की योजना पर काम कर रही है. एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां इस साल कोविड से पहले के स्तर के मुताबिक सैलरी इन्क्रीमेंट दे सकती हैं. रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि कंपनियां इस साल 9.4 फीसदी की औसत दर से सैलरी हाइक दे सकती है. 2021 में कंपनियों ने 8.4 फीसदी का औसत इन्क्रीमेंट दिया था. वहीं, कोविड महामारी आने से पहले 2019 में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 9.25 फीसदी का इन्क्रीमेंट दिया था.

इस साल बिजनेस पर नहीं होगा कोविड का असर
Korn Ferry India के सालाना सर्वे के मुताबिक देश के अधिकतर बिजनेसेज का मानना है कि इस साल कोविड-19 का बिजनेस साइकिल पर किसी तरह का असर पड़ने की संभावना नहीं है. इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में कंपनियों का फाइनेंशियल और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस काफी बढ़िया रहा है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक कंपनियों का इन्क्रीमेंट का बजट पूरी तरह से बिजनेस परफॉर्मेंस, इंडस्ट्री मेट्रिक्स और बेंचमार्किंग ट्रेंड्स पर देखने को मिलेगा.

अच्छे टैलेंट को रिटेन करने के लिए भी रहेगी होड़
पिछले कुछ महीनों में कई कंपनियों में बड़ी संख्या में इस्तीफे देखने को मिले हैं. दुनियाभर के साथ-साथ ऐसा भारत में भी देखने को मिला है. ऐसे में कोविड-19 से पहले की तरह इन्क्रीमेंट के जरिए कंपनियों की कोशिश अच्छे टैलेंट को रिटेन करने की होगी.

इस सेक्टर में काम करने वालों की बल्ले-बल्ले
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा फायदा टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को होने की उम्मीद है. इस बात की उम्मीद की जा रही है कि टेक कंपनियां इस साल 10.5 फीसदी का औसत इन्क्रीमेंट दे सकती हैं. इसके बाद लाइफ साइंसेज का स्थान आता है. इस सेक्टर में कंपनियां 9.5 फीसदी का औसतन इन्क्रीमेंट देने की योजना पर काम कर रही है.

इसी बीच सर्विसेज, ऑटो और केमिकल सेक्टर की कंपनियां 9 फीसदी इन्क्रीमेंट दे सकती हैं. इस सर्वे में 786 कंपनियों को शामिल किया गया. इसमें से 60 फीसदी कंपनियां मंथली वाईफाई और यूटिलिटी बिल के लिए Allowances दे रही हैं. दूसरी ओर, 46 फीसदी कंपनियां Wellness Benefits दे रही हैं. केवल 10 फीसदी कंपनियां ही ट्रेवल अलाउएंस को खत्म करने या कम करने की योजना पर काम कर रही हैं.