साल 2021 अपने अंतिम पड़ाव पर है। यह साल कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) से बुरी तरह प्रभावित रहा लेकिन इसका फाइनेंशियल मार्केट्स पर कम ही असर देखने को मिला। महामारी के कारण इस साल फाइनेंशियल सेक्टर में कई बदलावों में तेजी आई। साल 2022 में फाइनेंशियल सेक्टर में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।

साल 2021 रुखसत हो रहा है और हम नए साल में प्रवेश कर रहे हैं। कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) का फाइनेंशियल मार्केट्स पर कम ही असर देखने को मिला। शेयर बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया है। कई शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया है। म्युचुअल फंड्स में भी अच्छा रिटर्न देखने को मिला है। हालांकि सोने ने निवेशकों को निराश किया है। यहां हम आपको नए साल में निवेश करने के कुछ बेहतर विकल्पों के बारे में बता रहे हैं।

एफडी

साल 2022 फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs) इनवेस्टर्स के लिए अच्छा रहने की उम्मीद है। साल 2021 में एफडी रिटर्न 5.1 फीसदी रहा। अगर महंगाई इसी स्तर पर बनी रहती है या बढ़ती है तो बैंकों को जमा दरें यानी डिपॉजिट रेट्स बढ़ाने होंगे। एफडी को तोड़कर नई ऊंची दरों में जाने का फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि इस पर पेनाल्टी कितनी लगेगी और हायर रेट से फायदा होगा कि नहीं।

स्टॉक्स

अगले साल शेयर बाजारों में उथलपुथल रहने की आशंका है। इस साल बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में 20 फीसदी तेजी दर्ज की गई। अमेरिकी फेडरल बैंक के ईजी मनी पॉलिसी खत्म करने और ब्याज दरें बढ़ाने से विदेशी फंड मैनेजर कम जोखिम वाले एसेट्स का रुख कर सकते हैं। इससे रुपये में गिरावट आ सकती है। ओमीक्रोन का प्रकोप बढ़ने से बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। ऐसी स्थिति में ब्लू-चिप और लार्ज कैप स्टॉक्स में बने रहने में ही फायदा है।

बॉन्ड्स

अगर ब्याज दरों में तेजी आती है तो निवेशक ज्यादा रिटर्न और ज्यादा ब्याज के लिए बॉन्ड्स का रुख कर सकते हैं। इस साल 10 साल की परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड्स पर ब्याज दर 6.5 फीसदी रही। जानकारों का कहना है कि नुकसान से बचने के लिए कम परिपक्वता अवधि वाले बॉन्ड्स का रुख किया जा सकता है। हालांकि ट्रेडर्स के लिए बाजार में उथलपुथल होगी और उनके पास मुनाफा कमाने का अच्छा मौका होगा।

सोना

सोने को महंगाई और शेयर बाजार में उतारचढ़ाव के खिलाफ हेज के रूप में देखा जाता है। लेकिन साल 2021 में सोने ने -5 फीसदी रिटर्न दिया है। 2022 में महंगाई और शेयरों में उतारचढ़ाव बढ़ने की आशंका है। अगर ऐसा होता है तो सोने की कीमत में तेजी आएगी। दूसरी ओर अगर अमेरिाक में रेट बढ़ते हैं तो इससे डॉलर मजबूत होगा। इससे सोना प्रभावित हो सकता है। कमजोर रुपया और महंगाई सोने के लिए वरदान बन सकती हैं। सोने की कीमत पिछले साल अगस्त में 56000 रुपये प्रति 19 ग्राम के ऊपर पहुंच गई थी। नए साल में यह नए स्तर पर पहुंच सकती है।

म्युचुअल फंड्स

NGen Markets के मुताबिक 2021 में शॉर्ट ड्यूरेशन वाले म्युचुअल फंड्स ने 4.8 फीसदी की दर से रिटर्न दिया जबकि कंजरवेटिव हाइब्रिड के लिए यह दर 8.6 फीसदी रही। लार्ज कैप म्युचुअल फंड्स ने 26 फीसदी की दर से रिटर्न दिया। जानकारों का कहना है कि लार्ज कैप और फ्लेक्सीकैप फंड्स में भी बने रहना चाहिए। फिक्स्ड इनकम और इक्विटी मार्केट्स में भारी उथलपुथल की आशंका है।

क्रिप्टो

भारत सहित पूरी दुनिया में निवेशकों की दिलचस्पी क्रिप्टोकरेंसीज में बढ़ रही है। यह स्थिति तब है जबकि भारत सहित कई देशों ने इसे अब तक मान्यता नहीं दी है। कई सेंट्रल बैंक अपनी खुद की डिजिटल करेंसीज लॉन्च कर रहे हैं। साल 2022 वर्चुअल करेंसीज के लिए अहम साबित हो सकता है। लेकिन नए साल में भी इनमें भारी उतारचढ़ाव जारी रह सकता है। इस साल कई क्रिप्टोकरेंसीज ने 51,000 फीसदी तक रिटर्न दिया है। दूसरी ओर दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने इस साल 75 फीसदी रिटर्न दिया है।