पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर मौजूद पुराने वाष्प इंजन को बेचने के आरोपित सेक्शन इंजीनियर राजीव रंजन झा की गिरफ्तारी के लिए सोमवार को पूर्णिया की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भागलपुर पहुंची और मायागंज अभिरामा कालोनी स्थित उसके आवास पर छापेमारी की। हालांकि राजीव वहां नहीं मिला। उसके पिता ने बताया कि शाम में पूर्णिया आरपीएफ इंस्पेक्टर के साथ बरारी थाने की पुलिस भी आई थी। अपने मोबाइल से पुलिस को राजीव से बात कराई। राजीव की पत्नी पटना में नर्स है। राजीव ने पटना में पत्नी के साथ होने की बात कही। वह वहां से समस्तीपुर निकलने की बात कह रहा था।

आरोपित के पिता ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र से पूछा कि यह सब करने की क्या जरूरत थी। किस चीज की कमी थी जो इस तरह का काम करना पड़ा। उन्होंने पुत्र से साफ कह दिया कि गलत करने का परिणाम अच्छा नहीं होता। उन्होंने बताया कि राजीव ने कहा कि इसमें उसका कोई हाथ नहीं है। सीनियर सहायक अभियंता दोषी हैं।

बता दें कि समस्तीपुर लोको डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा ने वहां तैनात एक दारोगा व अन्य कर्मियों की मिलीभगत से पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर रखे गए पुराने वाष्प इंजन को बेच दिया। इंजीनियर ने पूरी सफाई से डीएमई के फर्जी पत्र का सहारा लेकर यह खेल खेला। 14 दिसंबर को हुई इंजन की इस अवैध बिक्री का राज दो दिन पूर्व खुला। ऐसे में पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान के आवेदन पर रविवार की शाम बनमनखी आरपीएफ पोस्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें इंजीनियर, शेड पर तैनात दारोगा समेत सात लोगों को नामजद किया गया है।

आरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रविवार की रात ही गुलाबबाग से इंजन का हाइड्रा बरामद कर लिया। विभाग द्वारा इंजीनियर के साथ-साथ डीजल शेड के दारोगा समेत तीन लोगों को निलंबित किया गया जा चुका है।

इंजीनियर ने बेच दिया ट्रेन का इंजन, अजीबोगरीब रेलवे स्कैम ने सभी को चौंकाया

बिहार के समस्तीपुर में रेलवे का एक अजीबोगरीब घोटाला सामने आया है. एक रेलवे इंजीनियर ने कुछ लोगों की मदद के साथ ट्रेन का इंजन ही बेच दिया. फरार आरोपी इंजीनियर पुलिस तलाश रही है.

बिहार (Bihar) में जालसाजी का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. बिहार के समस्तीपुर (Samastipur) में जालसाजों ने फ्रॉड की सारी हदें पार करते हुए ट्रेन का इंजन (Train Engine) ही बेच दिया. इस पूरे घोटाले में समस्तीपुर रेलवे डिवीजन के एक इंजीनियर ने मुख्य भूमिका निभाई है. इंजीनियर पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर रेलवे लोकोमोटिव इंजन बेच दिया.

बिहार में अपराध का अनोखा मामला

हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए में छपी खबर के अनुसार बिहार में अपराध का यह अनोखा मामला स्थानीय अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा. स्थानीय अखबारों के मुताबिक समस्तीपुर लोको डीजल शेड के रेलवे कर्मचारी राजीव रंजन झा ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन यार्ड में रखा एक पुराना भाप का इंजन बेचा है. मामले के मुख्य आरोपी इंजीनियर ने कथित तौर पर एक सुरक्षाकर्मी और स्टेशन के अन्य अधिकारियों की मदद से इस घोटाले को अंजाम दिया है.

दो दिन बाद सामने आया घोटाला

सावधानीपूर्वक नियोजित इस घोटाले में इंजीनियर ने फर्जी डीएमआई कागजी कार्रवाई के बाद रेलवे संपत्ति को बेचा है. कथित तौर पर इस इंजन को अवैध तरीके से 14 दिसंबर को बेचा गया. इंजन की अवैध बिक्री के दो दिन बाद यह घोटाला सामने आया. मामले में रविवार (19 दिसंबर) को पूर्णिया कोर्ट थाना चौकी प्रभारी एमएम रहमान ने बनमनखी आरपीएफ चौकी पर रिपोर्ट दर्ज कराई. एफआईआर में शेड पर तैनात इंजीनियर और सुरक्षाकर्मियों के अलावा सात लोगों के नाम हैं.

चौकी प्रभारी ने दर्ज कराई एफआईआर

चौकी प्रभारी की एफआईआर के मुताबिक 14 दिसंबर को आरोपी इंजीनियर ने गैस कटर की मदद से इंजन को अलग किया था. सुशील नाम के एक हेल्पर ने उसकी मदद की थी. काम रोकने के लिए कहा गया तो इंजीनियर ने फर्जी पत्र दिखाकर अधिकारी को समझा दिया कि इंजन से निकले स्क्रैप को वापस डीजल शेड में भेजना है. अगले दिन जब अधिकारी ने रजिस्टर की जांच की और पिकअप वैन की एंट्री देखी, तो उसे शेड में इंजन से निकला कोई स्क्रैप नहीं मिला. जब उसने इसके बारे में अधिकारियों को सूचित किया, तो उन्होंने पाया कि डीएमआई द्वारा इंजन को काटने का कोई आदेश नहीं दिया गया था.