दरअसल रेलवे के नए फैसले के बाद अब मालगाड़िय़ों को बिना गार्ड के संचालित किया जाएगा। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ रतलाम मंडल की मंडल कार्यकारिणी बैठक एवं सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसमें मजदूर संघ के जोनल महामंत्री एवं एनएफआइआर के सहायक महामंत्री आरजी काबर ने केंद्र सरकार द्वारा रेल कर्मचारियों की रात्रि भत्ते पर लगी रोक को नहीं हटाए जाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की।

सरकार द्वारा रेलवे की उत्पादक इकाइयों के निगमीकरण एवं निजी ट्रेनों के संचालन को रेल कर्मचारियों एवं देशहित के विरूद्ध बताते हुए सरकार से इस पर अंकुश लगाने की मांग की। बैठक में जोनल अध्यक्ष शरीफ खान पठान ने कर्मचारी एकता को संगठन की बड़ी ताकत बताते हुए मजदूर संघ के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से एक जुट होकर रेल कर्मचारियों के हित में करने का आग्रह किया। सभा के दौरान मजदूर संघ रतलाम के पूर्व मंडल मंत्री बीके गर्ग की रेलवे से सेवानिवृत्ति पर संघ की उज्जैन शाखा, गार्ड कॉउंसिल द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। बैठक में भावनगर के मंडल मंत्री बीएन डाबी, पूर्व मंडल मंत्री आरकेबी राठोड़, पूर्व मंडल अध्यक्ष जसविंदर सिंह, बीएल सूर्यवंशी, मजदूर संघ के रतलाम मंडल के पदाधिकारी मंचासीन रहे।

प्रधानमन्त्री का दौरा – रेलवे को लाखों का नुक्सान

शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास का कार्यक्रम शाहजहांपुर के रोजा रेलवे ग्राउंड पर रखा गया था। सैकड़ों बीघे में मौजूद इस रेलवे ग्राउंड में जाने का रास्ता नहीं था। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए जब इस रेलवे ग्राउंड का चयन किया गया, तो शासन-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। चंद दिनों में इस ग्राउंड में रास्ता, तो बनाया नहीं जा सकता था। इसके बाद शासन-प्रशासन ने बिना सड़क बनाए हुए रास्ते के निर्माण का गजब का फॉर्मूला निकाला।

रेलवे के सीमेंट वाले हजारों स्लीपरों का प्रयोग कर सभा स्थल में करीब एक किलोमीटर स्लीपर बिछाकर उस पर मिट्‌टी डालने के बाद कालीन बिछा दी गई। इससे सड़क का निर्माण भी हो गया और हकीकत भी पता नहीं चली। वहीं, इसके चलते रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हुआ होगा।

गोरखपुर से वाराणसी, नरकटियागंज और लखनऊ की तरफ जाने वाली मालगाड़ियां अब गार्ड की उपलब्धता न होने पर भी रवाना हो सकेंगी। गार्ड के उपलब्ध न होने पर असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) को जिम्मेदारी देकर मालगाड़ी रवाना की जाएगी। हालांकि ऐसा सिर्फ किसी आपात स्थिति में या फिर गार्डों कमी होने पर ही किया जाएगा।

इस सम्बंध में पूर्वोत्तर रेलवे के परिचालन विभाग की तरफ से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। गार्ड के उपलब्ध न होने पर मालगाड़ी आगे की तरफ रवाना किए जाने की व्यवस्था बना दी गई है। बिना गार्ड के जाने वाली मालगाड़ियों की जिम्मेदारी सहायक लोको पायलट पर होगी। किसी भी तरह की दिक्क्त होने पर एएलपी गार्ड की भूमिका निभाएंगे। दरअसल, गार्डों की कमी के चलते ऐसी व्यवस्था दी गई है। अक्सर ऐसा हुआ है मालगाड़ियां गार्डों के इंतजार के में डेढ़ से दो घंटे तक स्टेशन पर खड़ी रही हैं।

गार्ड के लिए बेवजह खड़ी हो जाती है मालगाड़ी

वाराणसी मंडल में गार्डों की कमी के चलते अक्सर वाराणसी और नरकटियागंज की तरफ जाने वाली मालगाड़ियों को समय पर गार्ड नहीं मिल पाते हैं। कई बार ऐसा हुआ है कि मालगाड़ी स्टेशन पर पहुंचने के बाद खड़ी हो जाती है। गार्ड के उपलब्ध होने के बाद ही मालगाड़ी रवाना हो जाती है। नई व्यवस्था से यह दिक्कत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

आगे चलकर इंजन से नजर

भविष्य में एक डिवाइस लगाने की भी बात चल रही है जिसके माध्यम मालगाड़ी ड्यूटी लोको पायलट हर वैगन पर नजर रख सकेंगे। लाइन पर दौड़ती मालगाड़ी का कंप्रेसर कम होने पर लोको पायलट को तत्काल डिवाइस द्वारा सूचना मिल जाएगी। क्योंकि इंजन के केबिन और मालगाड़ी के अंतिम छोर पर गार्ड एसएलआर डिवाइस से जुड़ा होगा। इससे कपलिंग खुलने समेत अन्य जानकारी इंजन में लोको पायलट को मिल जाएगी। सिस्टम को इस आधार पर बनाया गया है कि ट्रेन चलने के दौरान पहियों के तापमान में बढ़ोतरी या अन्य किसी खराबी को भांपकर ईओटी सिस्टम इंजन में लगी स्क्रीन पर चालक को संकेत देने के बाद खुद-ब-खुद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देगा। इस सिस्टम के संकेत को देखकर ही पायलट ट्रेनों का संचालन भी कर सकेगा।

बोले अफसर

गार्डों की कमी होने पर बिना गार्ड के भी मालगाड़ी चलाने का दिशा-निर्देश है। यह व्यवस्था सिर्फ मालगाड़ी में है और घने कोहरे में यह निर्देश प्रभावी नहीं होगा।अनिल कुमार सिंह, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवेअगला लेख

हजारों कंक्रीट के स्लीपर मिट्‌टी में दफन

पीएम की सभा शनिवार को शाहजहांपुर के रोजा रेलवे ग्राउंड में होनी थी। कार्यक्रम तय होने के बाद उस ग्राउंड में आने जाने के रास्ता बेहद खराब था। पूरा मैदान गड्ढों से भरा था। किसी तरह प्रशासन ने मैदान का समतलीकरण कराया, लेकिन मामला सभा स्थल तक हेलिकॉप्टर से आ रहे पीएम और कार से आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभा स्थल तक पहुंचने वाले रास्ते के निर्माण का था।

अब अधिकारियों ने उसके लिए भी जुगत लगाई। सड़क बनाने के लिए रेलवे ग्राउंड में रखे हजारों कंक्रीट स्लीपर का प्रयोग किया गया। हैलीपैड से लेकर मुख्य मार्ग तक हजारों की संख्या में स्लीपर बिछाकर उस पर मट्‌टी की परत चढ़ा कर दफन कर दिया गया।

कालीन से ढक दी सड़क की हकीकत

पीएम और सीएम की सभा खत्म होने के बाद जैसे ही कालीन हटा, तो अदम गोंडवी का एक शेर याद आ गया। तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं और यह दावा किताबी है। कालीन जैसे ही हटाई गई, जगह-जगह रेलवे के स्लीपर दिखाई देने लगे। एक किलोमीटर सड़क का निर्माण करने के लिए प्रशासन ने हजारों रेलवे के स्लीपर को मिट्‌टी के नीचे दफन कर दिया।