धनबाद रेल मंडल के सहायक कार्मिक अधिकारी-2 कविंद्र कुमार दास को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कंपलसरी रिटायरमेंट) दे दी गई। रेलवे बोर्ड के आदेश पर यह कार्रवाई हुई। बताया जा रहा है कि पूर्व मध्य रेलवे में वर्ष 2008 में हुई नियुक्ति घोटाले के कनेक्शन में उन्हें 10 साल पहले ही नौकरी से हाथ धोना पड़ा। तीन वर्ष से अधिक समय से कविंद्र धनबाद रेल मंडल में एपीओ टू के पद पर थे। मंगलवार को तीन महीने के अग्रिम वेतन के साथ उन्हें रेल सेवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

पटना सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने फर्जी नियुक्ति रैकेट का पर्दाफाश किया था। बताया जा रहा है फ्रेश फेस रिक्रूटमेंट के नाम पर नौकरी के लिए बने पैनल में करीब छह अभ्यर्थियों के फर्जी तरीके से नाम जोड़े गए थे। दानापुर, मुगलसराय और धनबाद मंडल में ज्वाइन करने के लिए उनके ज्वाइनिंग लेटर भी तैयार किए गए थे। इन अभ्यर्थियों के मेडिकल के लिए भी मुख्यालय से मेमो जारी किए गए थे।

बताया जा रहा है इस नियुक्ति घोटाले के दौरान कविंद्र कुमार दास अधिकारी नहीं बने थे। उनकी पोस्टिंग पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय हाजीपुर में एक सीनियर कार्मिक अधिकारी के अधीन स्टेनो के तौर पर थी। जानकारी के अनुसार रैकेट के भंडाफोड़ के बाद सीबीआई की जांच के लपेटे में कविंद्र भी आए थे। कई बार सीबीआई की टीम उनसे इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है। इस घालमेल में उनकी भूमिका क्या थी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।

2012 में अधिकारी के रूप में हुआ था प्रमोशन

कविंद्र कुमार दास का जन्म 15 नवंबर को 1971 को हुआ था। वे 10 फरवरी 2000 से रेलवे की सेवा में थे। यानी 2031 में वे रिटायर होने वाले थे। वर्ष 2012 में उनका प्रमोशन अधिकारी के तौर पर हुआ था। कविंद्र पटना के बेला में रेल व्हील प्लांट में एपीओ रह चुके हैं। 2017 को उनकी पोस्टिंग ईसीआर हाजीपुर मुख्यालय में एपीओ के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्हें एपीओ-2 बना कर धनबाद मंडल भेजा गया था।

गड़बड़झाला करने वालों की बढ़ीं धड़कनें 

केंद्रीय उपक्रमों में नौकरी करने वाले वैसे कर्मचारी या अधिकारी जिनकी सर्विस बुक दागदार रही है, वैसे लोगों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार लटक रही है। एपीओ-2 कविंद्र कुमार दास पर होने वाली कार्रवाई की भनक धनबाद रेल मंडल के वरीय अधिकारियों को भी नहीं थी। सरकार के निर्देश पर कई सेंट्रल एजेंसियां रेलवे सहित अन्य केंद्र सरकार के उपक्रमों में काम करने वाले दागदार कर्मियों और अधिकारियों की कुंडली तैयार कर रही है। एपीओ पर हुई कार्रवाई के बाद भ्रष्ट व घोटालेबाज अफसर व कर्मी में हड़कंप है।