TDS on cash withdrawal: जानकारों का कहना है कि इनकम रिटर्न (ITR) फाइल करें. इसका असर कैश निकासी पर भी होता है.

जमाना अब ऑनलाइन पेमेंट का हो चला है. लेकिन अभी भी कई लोग कैश में डील करते हैं. जाहिर है आपको कैश पेमेंट करना होता है. इसके लिए आप बैंक से कैश निकालते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक तय लिमिट के बाद कैश (TDS on cash withdrawal) यानी नगद निकालने पर आपको टीडीएस (TDS) देना पड़ सकता है.? इनकम टैक्स (income tax) कानून की धारा 194N के तहत कैश निकासी पर टीडीएस 1 सितंबर 2019 या वित्त वर्ष 2019-2020 से लागू है.

कैश निकालने की सालाना लिमिट
टीडीएस एक्ट के सेक्शन (194N Section 194N of TDS Act) के तहत अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 20 लाख रुपये से ज्यादा की रकम कैश में निकालता है तो इसे टीडीएस चुकाना होता है. इसमें यह भी ध्यान दें कि यह लिमिट तब के लिए है, अगर उसने लगातार पिछले तीन आकलन वर्ष तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया हो. 

इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अगर किसी शख्स ने पिछले तीन आकलन वर्ष में सभी या कोई एक भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है तो अगर वह एक वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश निकालता है तो उसे कैश पर टीडीएस चुकाना होगा.  

कैश पर कौन काट सकता है टीडीएस
तय लिमिट से ज्यादा कैश निकालने पर बैंक या पोस्ट ऑफिस टीडीएस काटते हैं. यह तब कटता है जब बैंक या पोस्ट ऑफिस में उस शख्स के अकाउंट से एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश निकलता है. हां, अगर आप केंद्रीय या राज्य कर्मचारी, बैंक, पोस्ट ऑफिस, किसी बैंक के बिजनेस कॉरेस्पोन्डेंट, किसी बैंक के व्हाइट लेवल एटीएम के ऑपरेटर या आरबीआई की सलाह पर सरकार की तरफ से नोटिफाई किया गया व्यक्ति है तो उसे टीडीएस नहीं चुकाना होता है.

कितना कटता है टीडीएस
1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कैश (नकद) निकासी पर 2% की दर से टीडीएस काटा जाएगा अगर नकद निकालने वाले व्यक्ति ने किसी या तीनों पिछले आकलन वर्ष के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किया है.

इसके अलावा 20 लाख रुपये से ज्यादा की कैश निकासी पर 2% और और 1 करोड़ से ज्यादा की निकासी पर 5% टीडीएस काटा जाएगा अगर नकद निकालने वाले व्यक्ति ने पिछले तीन वर्षों में से किसी के लिए भी आईटीआर दाखिल नहीं किया है.