7th Pay Commission latest News: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आ रही हैं. जुलाई में DA बढ़ाया गया. अब चर्चा शुरू हो गई है कि अगला वेतन आएगा या नहीं. अगर नहीं आएगा तो प्रमोशन का फॉर्मूला क्या होगा.

केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) के लिए लगातार अच्छी खबरें आ रही है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशें 2016 में लागू हुईं थीं. 5 साल बीत चुके हैं और केंद्रीय कर्मचारियों को लगातार इसका फायदा मिल रहा है. लेकिन, अब चर्चा है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए क्या 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) आएगा या फिर किसी दूसरे फॉर्मूले से सैलरी बढ़ाने पर विचार होगा. साल 2018 में सरकार की तरफ से इशारा दिया गया था कि अब अगला पे कमिशन (Next Pay commission) नहीं आएगा. तो फिर सैलरी में बढ़ोतरी का पैमाना क्या होगा?

बढ़ चुकी है 14% ग्रॉस सैलरी

7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बनाए गए हैं वे Fitment factor पर बेस्‍ड हैं. नया वेतनमान आने के बाद ग्रॉस सैलरी में 14% का इजाफा हुआ. अब केंद्रीय कर्मचारियों के मन में सवाल है कि सरकार का प्रमोशन देने और सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला क्‍या होगा? क्‍योंकि, 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकार ने इशारा किया था कि वह पे कमिशन का सिस्‍टम खत्‍म कर सकती है. हालांकि, अभी इस बारे में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.

2025 में होगा नए पे-कमिशन पर फैसला

एक्सपर्ट्स की मानें तो Pay Commission की व्‍यवस्‍था काफी पहले से है. लेकिन, यह जरूरी नहीं है कि सैलरी बढ़ाने के लिए पे कमिशन का ही सहारा लिया जाए. सरकार इसके लिए अलग पैमाना भी अपना सकती है. नए पे कमिशन के बारे में कोई भी कार्रवाई 2025 में शुरू होगी. 7th pay commission की सिफारिशें में केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (minimum basic salary) को 7000 रुपए से बढ़ाकर 18000 रुपए किया गया था. 

10 साल में नहीं समय-समय पर बढ़नी चाहिए सैलरी

7वें वेतन आयोग ने ये भी सिफारिश में कहा था कि सरकार को सिर्फ 10 साल में एक बार नहीं बल्कि समय-समय कर्मचारियों की सैलरी रिवाइज करना चाहिए. जानकारों का मानना है कि अब वक्त है जब वेतन आयोग से अलग फॉर्मूले पर विचार होना चाहिए. कॉस्ट ऑफ लिविंग (Cost of living) लगातार बढ़ रही है. इसे ध्यान में रखते हुए हर साल कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा करना ज्यादा बेहतर है.

क्या है वो नया फॉर्मूला जिसकी चर्चा है?

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे को लेकर जिस नए फॉर्मूले की चर्चा है वो Aykroyd फॉर्मूला है. इस फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई, कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा. इन सब चीजों के आंकलन के बाद ही सैलरी में इजाफा होगा. इससे सभी वर्ग के कर्मचारियों को फायदा होता दिखेगा. हालांकि, वित्त मंत्रालय (Finance ministry) के एक अधिकारी का कहना है कि सुझाव अच्छा है, लेकिन अभी तक ऐसे किसी फॉर्मूले पर कोई विचार नहीं हुआ है.

पे मेट्रिक्‍स

नए वेतनमान में पे मैट्रिक्‍स (Pay Matrix) के आधार पर सैलरी बनती है. पे मैट्रिक्‍स को फिटमेंट फैक्‍टर (fitment factor) से जोड़ा गया था. शुरुआती लेवल के कर्मचारी को 2.57 गुना फिटमेंट फैक्‍टर के आधार पर सैलरी बनती है. मतलब पे मेट्रिक्‍स में लेवल 1 पर बेसिक 18 हजार रुपए प्रति माह है. वहीं, लेवल 18 पर यह 2.5 लाख रुपए प्रति माह है. यह व्‍यवस्‍था 1 जनवरी 2016 से लागू हुई है.