त्योहारी सीजन को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेलवे के नॉन गजेटेड कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) देने का ऐलान कर दिया है। अब सवाल है कि आखिर कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में आने वाली बोनस की रकम कितनी होगी। इसके कैल्कुलेशन के लिए सरकार का क्या गणित है। आइए इसके बारे में भी समझ लेते हैं।

कितनी मिलेगी रकम: सरकार की ओर से जारी रिलीज के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रेलवे के नॉन गजेटेड कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस को मंजूरी दी गई है। पात्र कर्मचारियों को बोनस के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रतिमाह है। प्रति पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है।

मतलब ये है कि बोनस की अधिकतम रकम 18 हजार रुपये से थोड़ा कम मिलेगी। इसके दायरे में 11.56 लाख नॉन गजटेड रेल कर्मचारी आएंगे। कर्मचारियों को 78 दिनों के बोनस के भुगतान का वित्तीय भार 1984.73 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 

कब तक मिलेगी रकम: पात्र रेल कर्मचारियों को बोनस का भुगतान प्रत्येक वर्ष दशहरा की छुट्टियों से पहले किया जाता है। चूंकि 15 अक्टूबर को दशहरा है तो ऐसे में इस दिन तक कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में पैसे डाल दिए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगी। इस दौरान करीब 2 हजार करोड़ रुपये रेलवे कर्मचारियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे।

आपको बता दें कि रेलवे में उत्पादकता से जुड़ा बोनस पूरे देश में फैले सभी नॉन गजटेड रेलवे कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को कवर करता है। पहले 72 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया जाता था लेकिन बीते कुछ सालों से 78 दिनों के वेतन के आधार पर बोनस दिया जा रहा है।