रेलवे सेवा आचरण नियम 1966 (Railway Service Conduct Rules 1966) में साफ-साफ बताया गया है कि भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को कैसा व्यवहार करना चाहिए। कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन करने पर विभागीय सजा मिलती है।
हाइलाइट्स
- ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में हिस्सा लेने गए थे रेलवे अधिकारी देश बंधु पांडे
- पांडे कोटा रेल मंडल के स्थानीय खरीद अनुभाग कार्यालय अधीधक हैं
- केबीसी में शामिल होने पर रेलवे ने लिया ऐक्शन, पांडे के खिलाफ चार्जशीट
- तीन साल के लिए सैलरी इंक्रीमेंट रोका, रेलवे सेवा नियमों के तहत फैसला
राजस्थान के कोटा में रहने वाले देश बंधु पांडे की सब खुशियां काफूर हो गई हैं। कुछ दिन पहले तक वे सबको गर्व से बताते थे कि ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में शामिल होकर आए हैं। अमिताभ बच्चन के सामने ‘हॉट सीट’ पर बैठने की तस्वीर दिखाते थे। पांडे की इन खुशियों में रेलवे ने खलल डाल दिया है। दरअसल वे कोटा रेल मंडल के स्थानीय खरीद अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक पद पर हैं। रेलवे प्रशासन ने केबीसी में जाने के लिए पांडे को चार्जशीट थमाई है। तीन साल तक के लिए उनका इंक्रीमेंट भी रोका गया है।
क्या कहते हैं नियम?
रेलवे सेवा आचरण नियम 1966 में रेल कर्मचारियों के लिए सेवा की शर्तें तय की गई हैं। इसमें साफ लिखा है कि बिना सरकार की अनुमति के रेलवे का कोई भी कर्मचारी/अधिकारी ऐसा नहीं कर सकता। नियमों के मुताबिक, कोई भी कर्मचारी किसी भी स्पांसर्ड मीडिया (रेडियो या टेलिविजन) कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते।
अगर कार्यक्रम सरकारी मीडिया का है मगर निजी एजेंसी ने प्रोड्यूस किया है तो भी रेलवे कर्मचारियों को बिना अनुमति शामिल होने की इजाजत नहीं है। कुल मिलाकर किसी निजी मीडिया कार्यक्रम में शिरकत से पहले कर्मचारियों को रेलवे की अनुमति लेनी चाहिए।
किन गतिविधियों में भाग लेने की इजाजत?
रेलवे कर्मचारी बिना सरकार की अनुमति के सामाजिक या चैरिटेबल काम कर सकते हैं। साहित्य, कला और विज्ञान के क्षेत्र में भी काम करने की अनुमति है। नौसिखिए के रूप में खेलकूद की गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकते हैं।
अधिकारियों को बताकर गया था: पांडे
देश बंधु पांडे ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत की। हालांकि वह बेहद डरे हुए हैं। वह कैमरे पर रेलवे प्रशासन के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। उन्हें डर है कि अगर वह कुछ मीडिया के सामने बोलेंगे तो और कड़ी सजा मिल सकती है। उन्होंने चार्जशीट का जवाब रेलवे को दे दिया है। पांडे 9 से 13 अगस्त तक मुंबई में थे। इसके लिए पांडे ने अधिकारियों को अवकाश की सूचना दी थी। अधिकारियों ने पांडे के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। फिर पांडे बिना छुट्टी के ही केबीसी शूटिंग के लिए मुंबई चले गए। मुंबई से लौटने पर रेलवे ने 18 अगस्त को चार्जशीट थमा दी।
बिल्कुल सही, रेलवे के इस फैसले को एक नाजीर की तरह पेश किया जाना चाहिए ताकि कल को कोई दूसरा भी ऐसे ही ड्यूटी के नियमों को लापरवाही से न लेGauri Shanker