रेलवे बोर्ड के इस फरमान से रेल कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है। उनका कहना है कि 55 वर्ष की उम्र या 30 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों की कार्यक्षमता की समीक्षा के बाद अब यह फरमान जारी कर दिया गया है।

कोरोना वायरस संकट के बीच रेलवे ने अपनी कार्य क्षमता को बेहतर करने के नाम पर हजारों पद खत्म करने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को इसके लिए लक्ष्य भी दे दिया है। लक्ष्य को आधार मानकर उन पदों की पहचान करनी है जिनकी अब जरूरत नहीं रह गई है। एक वर्ष के अंदर यह प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है। यदि इस पर अमल हुआ तो सबसे ज्यादा 2,350 पद उत्तर रेलवे में खत्म होंगे। पूरे देश में 13,450 पद खत्म करने का लक्ष्य है।

उधर, रेलवे बोर्ड के इस कदम का कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड का कहना है कि पिछले कुछ वर्षो में तकनीक का प्रयोग बढ़ा है। सभी विभागों में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कई पद अब गैर जरूरी हो गए हैं। इन पदों की पहचान करने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तरीके से पदों की समीक्षा होनी चाहिए जिससे कि मानव संसाधन का सदुपयोग हो सके।

वहीं, रेलवे बोर्ड के इस फरमान से रेल कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है। उनका कहना है कि 55 वर्ष की उम्र या 30 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों की कार्यक्षमता की समीक्षा के बाद अब यह फरमान जारी कर दिया गया है। कोरोना काल में रेल कर्मचारी अपना जीवन जोखिम में डालकर दिन रात मेहनत कर रहे हैं। बावजूद इसके अधिकारी कर्मचारी विरोधी फैसले ले रहे हैं।

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन संयुक्त महासचिव बीसी शर्मा ने कहा कि अधिकारी अपनी नौकरी बचाने के लिए छोटे पदों को खत्म करने में लगे हुए हैं। अधिकारी सरकार को गुमराह करने के लिए मजदूरों पर अत्याचार करते हैं। पहले रेलवे में नौ जोन थे जिनकी संख्या बढ़ाकर 16 कर दी गई। जोन बढ़ने से अधिकारियों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन कर्मचारियों की नहीं। पहले रेलवे में 15 लाख कर्मचारी काम करते थे। अब मात्र 12.25 लाख कर्मचारी रह गए हैं। दूसरी ओर अधिकारियों की संख्या बढ़ी है। जरूरत अधिकारियों के गैर जरूरी पदों को खत्म करने की है।

उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) के अध्यक्ष एसएन मलिक ने कहा कि संरक्षा वर्ग के सवा दो लाख पदों को शीघ्र भरने के बजाय हजारों पद खत्म करना अनुचित है।

पद खत्म करने का लक्ष्य हर जोन को मिला है

  • उत्तर रेलवे-2,350
  • मध्य रेलवे-1,400
  • पूर्व रेलवे-1,300
  • पूर्व मध्य रेलवे-400
  • पूर्व तटीय रेलवे-500
  • उत्तर मध्य रेलवे-400
  • उत्तर पूर्व रेलवे-750
  • उत्तर सीमांत रेलवे-650
  • उत्तर पश्चिम रेलवे-600
  • दक्षिण रेलवे-1,300
  • दक्षिण मध्य रेलवे-900
  • दक्षिण पूर्व रेलवे-900
  • दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे-500
  • दक्षिण पश्चिम रेलवे-300
  • पश्चिम रेलवे-900
  • पश्चिम मध्य रेलवे-300
  • कुल-13,450