एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह ने एनसीआर के जीएम को पत्र भेजकर डॉक्टर समेत मेडिकल स्टाफ का वेतन 25 फीसद बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों की जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्धन करने की जरूरत है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हालात बिगड़ रहे हैं। अस्पतालों में बेड व आक्सीजन नहीं मिल रही है। ऐसे में रेलवे ने भी कमर कसी है। रेलकर्मियों के अलावा आमजनों को भी भर्ती किया जा रहा है। उनके इलाज में को लापरवाही नहीं की जा रही है। ऐसे में रेलवे के मेडिकल स्टाफ के उत्साहवर्धन किया जाना चाहिए। ताकि वे अपने परिवार की चिंता किए बगैर फर्ज निभा सकें। ऐसी मांग नॉर्थ सेंट्रल रेलवे इम्प्लाईज संघ (एनसीआरईएस) ने की है।

एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह ने एनसीआर के जीएम को पत्र भेजकर डॉक्टर समेत मेडिकल स्टाफ का वेतन 25 फीसद बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों की जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्धन करने की जरूरत है। दरअसल, उत्तर मध्य रेलवे के अस्पतालों में भी कोविड वार्ड बनाया गया है। इनमें ज्यादातर लेवल-2 के अस्पताल हैं, जिनमें गंभीर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर ड्यूटी कर रहे हैं। हालात यह हैं कि उन्हें सोने का भी समय नहीं मिल पा रहा है। परिवार से अलग रहकर खुद को आइसोलेट किए हैं। रेलवे के अलावा अनुबंधित स्टाफ भी लगातार काम कर रहा है।

संघ के महामंत्री ने कहा कि यूपी सरकार ने अपने राज्य में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए 25 फीसद अतिरिक्त मानदेय देने की घोषणा की है। इसी प्रकार कोविड ड्यूटी पर मुस्तैद रेलवे के कोरोना योद्धाओं को भी अतिरिक्त मानदेय मिलना चाहिए। ताकि उनके मनोबल को बढ़ाया जा सके और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी जा सके।