कोरोना ड्यूटी में जान गंवाने वालों के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। डयूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को नौकरी के साथ विशेष पेंशन भी दी जाएगी। विशेष पेंशन के तहत मृतक के वारिस को उसका वेतन दिया जाएगा। यह पेंशन मृत व्यक्ति की रिटायरमेंट की उम्र तक मिलती रहेगी। मतलब यदि मृत व्यक्ति 2030 में रिटायर होने वाला था तो उसके आश्रित को 2030 तक वही वेतन मिलता रहेगा। बस उसका नाम पेंशन होगा।

दरअसल पिछले साल लिए गए निर्णय का विस्तार है। पिछले साल के फैसले की परिधि में डॉक्टरों और चिकित्सा क्षेज्ञ के अन्य कर्मचारियों को रखा गया था। अब इस परिधि में सभी राज्य कर्मचारियों को शामिल कर लिया गया है।

प्रदेश के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि इन औद्योगिक इकाइयों को स्टाम्प ड्यूटी में छूट तो मिलेगी ही अगले सात साल तक इकाइयों के लागत मूल्य पर लगने वाला आधा ब्याज भी सरकार चुकाएगी। शाहनवाज ने बताया कि ऑक्सीजन इकाइयां लगाने के इच्छुक लोगों को बियाडा प्राथमिकता के आधार पर जमीन का आवंटन करेगा। यही नहीं, सरकार इन इकाइयों में काम करने वालों की ट्रेनिंग में आने वाला खर्च भी सरकार उठाएगी।

मंत्रिमंडल की यह बैठक वर्चुअल यानी ऑनलाइन हुई। इसमें उपर्युक्त निर्णय के अलावा दस और फैसले लिए गए। कोविड के चलते बिहार में ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने के वास्ते कैबिनेट की बैठक में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नई नीति का भी एलान किया गया। इसके तहत सरकार ऑक्सीजन प्लांट लगाने, सिलिंडर बनाने या ऑक्सीजन उत्पादन से जुड़ी किसी भी इकाई को 30 प्रतिशत की सबसिडी देगी