दरअसल रेलकर्मियों और उनके स्वजन के संक्रमित होने के बाद भी लोको पायलटों और गार्डों का ड्यूटी पर जाने से पहले रैंडम (अनियमित) सांस परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि रैंडम श्वास परीक्षण भी क्यों नहीं बंद हो रहा।

महामारी में भी लोको पायलट और गार्डों के श्वास परीक्षण से रेलकर्मियों में आक्रोश है। आल इंडिया लोको रङ्क्षनग स्टाफ एसोसिएशन, एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने रेलवे प्रशासन ने इस संकट की घड़ी में संक्रमण फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही श्वास परीक्षण पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है।

ड्यूटी पर जाने से पहले सांस परीक्षण  दरअसल, रेलकर्मियों और उनके स्वजन के संक्रमित होने के बाद भी लोको पायलटों और गार्डों का ड्यूटी पर जाने से  पहले रैंडम (अनियमित) सांस परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि रैंडम श्वास परीक्षण भी क्यों नहीं बंद हो रहा। इसको लेकर संबंधित कर्मियों में आक्रोश है। लोको रङ्क्षनग स्टाफ ने तो रेलवे प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर श्वास परीक्षण पर पूरी तरह रोक लगाने तथा सभी लोको पायलटों का टीका लगाने और रङ्क्षनग रूम को पूरी तरह सैनिटाइज कराने की मांग की है। नरमू के महामंत्री केएल गुप्त ने कहा कि रेलवे प्रशासन की हठधर्मिता के चलते रङ्क्षनग स्टाफ में भय का माहौल है। संरक्षा के नाम पर कभी किसी कर्मचारी का तो कभी किसी कर्मचारी का श्वास परीक्षण किया जा रहा है। वह जल्द ही महाप्रबंधक से मिलकर इस प्रकरण को उठाएंगे। पीआरकेएस के महामंत्री विनोद कुमार राय के अनुसार सैनिटाइज का अधिक प्रयोग के चलते अधिकतर रेलकर्मियों की जांच पाजीटिव हो जा रही। ऐसे में कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे की इस व्यवस्था से कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है।

कर्मचारी संगठनों ने की कोविड सेंटर में बेड बढ़ाने की मांग आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संगठन और एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने कर्मचारी संगठनों ने रेलवे अस्पताल स्थित कोविड सेंटर में बेड बढ़ाने, दवाइयां उपलब्ध कराने, आक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा सभी कर्मचारियों को कैंप लगाकर टीका लगाने की मांग की। संगठनों का कहना है कि तेजी से संक्रमण फैलने से कर्मचारियों में दहशत है। अगर समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त नहीं किया गया तो ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो सकता है।