रेलवे प्रशासन ने खर्च कम करने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिया है। साथ ही प्रत्येक कार्य में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल फाइल के स्थान पर सभी काम कंप्‍यूटर पर करने के लिए ई-आफिस सिस्टम शुरू किया गया है।

रेलवे कर्मचारी धीरे-धीरे कंप्‍यूटर और मोबाइल मैन होते जा रहे हैं। उन्‍होंने चलते-फिरते भी आफिस का काम करना शुरू कर दिया है। छुट्टी के आवेदन तक लिखना बंद कर दिया है। मोबाइल पर छुट्टी संदेश भेजते ही अवकाश स्वीकृत हो जाता है।

रेलवे प्रशासन ने खर्च कम करने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिया है। साथ ही प्रत्येक कार्य में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल फाइल के स्थान पर सभी काम कंप्‍यूटर पर करने के लिए ई-आफिस सिस्टम शुरू किया गया है। आफिस में काम करने वाले कर्मचारी फाइल के स्थान पर ई-आफिस के माध्यम से पेपर लेस फाइल अधिकारी के पास भेज देते हैं। अधिकारी फाइल देखकर कंप्‍यूटर या आफिस से बाहर रहने पर मोबाइल पर ही स्वीकृति दे देते हैं। दूर-दराज में तैनात गैंगमैन को छुट्टी लेने के लिए आवेदन लिखकर आफिस में जाकर जमा नहीं करना पड़ता है। वह अपने मोबाइल पर ई-आफिस खोलकर छुट्टी का आवेदन कर देते हैं। इस पर छुट्टी स्वीकृत होेने का आदेश मिल जाता है। इसी तरह कर्मचारी सेवा से संबंधित सूचना घर में रह कर प्राप्त कर सकते हैं। इस व्यवस्था के बाद रेलवे कर्मचारी चलते-फिरते भी मोबाइल से काम कर सकते हैं। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि ई-आफिस पर मंडल के 80 फीसद कर्मचार‍ियों काम करना शुरू कर दिया है। जो कर्मचारी अभी ई-आफिस पर काम करना शुरू नहीं कर पाए हैं। उन कर्मचार‍ियों को ई-आफिस पर काम करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।