ट्रेन लेट होने से परीक्षा छूट जाने पर हरिद्वार के जिला उपभोक्ता आयोग ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन के अधीक्षक समेत चार अधिकारियों पर अस्सी हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। यह राशि उन दोनों युवकों को मिलेगी, जिन्होंने आयोग में इसकी शिकायत की थी। आवास विकास कालोनी, रुड़की निवासी प्रेमस्वरूप दीपक पुत्र आरएस गुलाटी और तरुण पुत्र मूलचंद निवासी शास्त्रीनगर ज्वालापुर हरिद्वार ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में दोनों ने कहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। परीक्षा की तिथि 24 जनवरी, 2016 सुबह साढ़े आठ बजे तय थी। दोनों ने इंटरनेट के माध्यम से हरिद्वार से भोपाल के लिए आरक्षण कराया था। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि भोपाल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन 13 घंटे आठ मिनट की देरी से साढ़े ग्यारह बजे पहुंची थी, जबकि परीक्षा सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हो चुकी थी। ट्रेन लेट होने के कारण दोनों की परीक्षा छूट गई। 

चार अफसरों के खिलाफ की थी शिकायत
शिकायतकर्ताओं ने इस मामले में अधीक्षक, हरिद्वार रेलवे स्टेशन, डिवीजनल मैनेजर, उत्तर रेलवे मुरादाबाद यूपी, प्रवर मंडल वित्त प्रबन्धक, उत्तर रेलवे मुरादाबाद यूपी और आईआरसीटीसी कारपोरेट ऑफिस, नई दिल्ली को पार्टी बनाया था।

रेलवे से वापस मांगे थे टिकट के पैसे 
परीक्षा छूट जाने के बाद दोनों शिकायतकर्ताओं ने हरिद्वार से भोपाल तक टिकट के 2495 रुपये वापस मांगे। रेलवे स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारी ने टिकट बुकिंग के पैसे वापस नहीं किए। इसके बाद दोनों ने उपभोक्ता आयोग की शरण ली। शिकायत की सुनवाई करने के बाद आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य विपिन कुमार और अंजना चड्ढा ने रेल अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया और दोनों शिकायतकर्ताओं को 40-40 रुपये का हर्जाना देने को कहा। आयोग ने रेल अफसरों को अधिवक्ता फीस व शिकायत खर्च के रूप में दस हजार रुपये दोनों शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।