कोरोना संकट से पहले नई दिल्ली लगभग 360 ट्रेनों का परिचालन होता था लेकिन इस समय 177 ट्रेनें चल रही हैं। अन्य स्टेशनों से भी कम संख्या में ट्रेनें चल रही हैं। ट्रेनों की संख्या कम होने से यात्रियों को कंफर्म टिकट लेने में परेशानी होती है।

आहिस्ता-आहिस्ता ट्रेनें पटरी पर लौट रही हैं। हालांकि, अभी भी इनकी संख्या बहुत कम है जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस परेशानी को दूर करने के लिए दस अप्रैल तक कोरोना काल से पहले चलने वाली ट्रेनों में से 90 फीसद को फिर से चलाने की योजना है और इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इससे यात्रियों सफर करने में होने वाली परेशानी से राहत मिलेगी।

उत्तर रेलवे ने सभी मंडलों को पत्र लिखकर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने को कहा उत्तर रेलवे ने सभी मंडलों को पत्र लिखकर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने को कहा है। इस संबंध में जारी पत्र में रेलवे बोर्ड के निर्देश का हवाला दिया गया है। कोरोना की वजह से पिछले वर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह में ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था।

जून से चल रही हैं विशेष ट्रेनें जून से विशेष ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। आहिस्ता-आहिस्ता इनकी संख्या बढ़ रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों के बाद इसी माह से कुछ संख्या में लोकल ट्रेनों का भी परिचालन किया जा रहा है। इस समय दिल्ली मंडल में लगभग 50 फीसद ट्रेनें पटरी पर उतरी हैं।

पहले के मुकाबले यह है मौजूदा स्थिति कोरोना संकट से पहले नई दिल्ली लगभग 360 ट्रेनों का परिचालन होता था लेकिन इस समय 177 ट्रेनें चल रही हैं। अन्य स्टेशनों से भी कम संख्या में ट्रेनें चल रही हैं। ट्रेनों की संख्या कम होने से यात्रियों को कंफर्म टिकट लेने में परेशानी होती है। इसके साथ ही लोकल ट्रेनों के अभाव में कामकाज के सिलसिले में रोजाना सफर करने वाले यात्री परेशान हैं। अब यात्रियों की यह परेशानी दूर होगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दस अप्रैल के बाद भी विशेष ट्रेनें चलेंगी या फिर पहले की तरह नियमित।