कम दूरी के ट्रेन किराए में वृद्धि को लेकर लोगों की चिंताओं पर रेलवे ने सफाई देते हुए बुधवार को कहा कि गैर जरूरी यात्राओं में कमी लाने के मकसद से किराए में मामूली वृद्धि की गई है। कोरोना लॉकडाउन में छूट के बाद से रेलवे सिर्फ स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। शुरुआत में केवल लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन अब कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। रेल मंत्रालय के बयान के अनुसार, कोरोना महामारी के मद्देनजर विशेष प्रविधान के तहत इन ट्रेनों का किराया इतनी ही दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में अनारक्षित टिकट जितना तय किया गया है।

उदाहरण के तौर पर अमृतसर से पठानकोट का किराया अब 55 रुपये है, जो पहले 25 रुपये था। इसी तरह जालंधर से फिरोजपुर तक डीएमयू का किराया 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये हो गया है। लेकिन रेलवे का कहना है कि किराए में यह मामूली वृद्धि लोगों को गैर जरूरी यात्राएं करने से रोकने के लिए की गई है।

रेलवे ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना का संकट अभी भी बना हुआ है और कुछ राज्यों में स्थिति बिगड़ रही है। कई राज्यों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है और उन्हें यात्रा करने के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है। किराए में मामूली वृद्धि को ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने और कोरोना को फैलने से रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जाना चाहिए।

राहुल गांधी ने सरकार पर साधा था निशाना कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कम दूरी के सफर पर रेलवे की ओर से किराए में की गई इस वृद्धि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्‍होंने एक ट्वीट में लिखा कि कोविड- आपदा आपकी, अवसर सरकार का. पेट्रोल-डीजल-गैस-ट्रेन किराया। मध्यवर्ग को बुरा फंसाया। लूट ने तोड़ी जुमलों की माया!’ गौरतलब है कि दो दिन पहले जब राहुल गांधी ने ट्वीट किया था तब रेलवे ने इसे तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत बताया था अब दो दिन बाद किराए में की गई वृद्धि को स्वीकार किया है।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने की दिशा में रेलवे ने 22 मार्च, 2020 को नियमित ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया था। लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, लेकिन हालात को कोरोना महामारी की पूर्व स्थिति में नहीं लाए जा सके हैं और उसके लिए कई मामलों पर विचार किया जा रहा है। कोरोना पूर्व की स्थितियों की तुलना में फिलहाल 65 फीसद मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 90 फीसद उपनगरीय सेवाएं बहाल की गई हैं। रोजाना औसतन 1,250 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 5,350 उपनगरीय और 326 से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे के अनुसार कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कुल ट्रेनों की संख्या का महज तीन फीसद है।