रेलवे ने कर्मचारियों को इस महीने का ओटी, टीए, रात्रि ड्यूटी, माइलेस व बच्चों का शिक्षा भत्ता नहीं देने का आदेश जारी कर दिया। आदेश के बाद कर्मचारियों में आक्रोश शुरू होगा। जब बात दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्रमिक यूनियन तक पहुंची ने उनके पदाधिकारी वरिष्ठ मंडल वित्तीय प्रबंधक के पास पहुंच गए। इस दौरान विरोध करते हुए आदेश वापस लेने की मांग की। साथ ही कहा कि यदि भत्ते पर रोक लगाई गई तो यूनियन आंदोलन करेगा। इसी चेतावनी के बाद आदेश को रद कर दिया गया। अब कर्मचारियों को सभी तरह के भत्ते का भुगतान होगा।

यह आदेश सहायक मंडल वित्तीय प्रबंधक ने जारी किया था। जिसमें फंड की कमी को वजह बताई गई थी। आदेश जारी होते ही जब कर्मचारियों को इसकी जानकारी मिली तो वह निराश हो गए। इसके साथ आक्रोशित भी होने लगे। नियम विरुद्व इस आदेश को देखकर श्रमिक यूनियन ने आनन- फानन में एक बैठक बुलाई।

सभी पदाधिकारी एकत्र हुए और तत्काल वरिष्ठ मंडल वित्तीय प्रबंधक के पास पहुंचे। पदाधिकारियों ने कहा कि यह कर्मचारियों का हक है। यदि इस पर हनन का प्रयास किया जाएगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कर्मचारी पूरी मेहनत व इमानदारी के साथ काम करता है। कर्मचारियों के दम पर रेलवे आज लोडिंग के मामले में बेहतर स्थिति में हैं। यदि फंड नहीं होने की बात कहते हुए भत्ता रोकना गलत है। फंड की व्यवस्था रेलवे की जिम्मेदारी है। इसका बोझ कर्मचारियों पर न डाला।

जिस तरह विरोध हुआ और आंदोलन की चेतावनी दी गई। वरिष्ठ मंडल वित्तीय प्रबंधक ने तत्काल सहायक मंडल वित्तीय प्रबंधक के आदेश को रद करने का फरमान जारी कर दिया। इस निर्णय की बकायदा यूनियन को सूचना दी गई और किसी तरह आंदोलन न करने की बात कही। श्रमिक यूनियन की ओर से मंडल संयोजक सी नवीन कुमार, केंद्रीय पदाधिकारी एस बंदोपाध्याय, के अमर कुमार के अलावा शाखा सचिव व अध्यक्ष के अलावा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।