रेलवे स्टेशन के रनिंग रूम में आकर ठहरने वाले गार्ड व ड्राइवरों की समस्याएं सुलझाने के लिए रनिंग रूम मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर दिया है। इस व्यवस्था में कर्मचारी अपने कमरे से ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराके उसका निस्तारण करा सकते हैं।

रेलवे स्टेशन के निकट दांडी चौराहे के सामने गार्ड व ड्राइवरों के ठहरने के लिए लोको पायलट, सहायक लोको पायलट एवं गार्ड रनिंग रूम बनाया गया है। इस बिल्डिंग की दो मंजिलों पर 32 कमरे बने हैं, जिनमें 64 पलंग हैं। हर कमरे में कर्मचारियों को आरामदायक सुविधाएं उपलब्ध कराईं गईं हैं। प्रथम तल पर व्यायाम के लिए जिम, अध्यात्म व खेल कक्ष तथा खाने के लिए डाइनिंग हॉल बना हुआ है। कर्मचारियों के लिए अब कमरे में बैठे की उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए रनिंग रूम मैनेजमेंट सिस्टम भी लागू कर दिया गया है।

इस सिस्टम के तहत हर कमरे में एक क्यूआर कोड लगाया गया है। कर्मचारी अपने मोबाइल पर जैसे ही इस कोड को स्कैन करेंगे, तुरंत ही वह अपना काम चालू कर देता है। सामने एक पेज खुलकर आता है, जिसमें कर्मचारी को अपना आईडी नंबर व समस्या का ब्योरा डालना है। ऐसा करने पर समस्या का डाटा तुरंत ही कंप्यूटर पर पहुंच जाता है। शिकायत मिलते ही समस्या का निस्तारण होना शुरू हो जाता है। इस सिस्टम को लागू करने का उद्देश्य कर्मचारियों को कमरे में बैठे की उनकी समस्याओं को दूर करना है, ताकि वह अपने तय समय में पूरी नींद ले सकें। इस सिस्टम को 25 जनवरी से लागू कर दिया गया है।


इन स्टेशनों से आते हैं कर्मी
रनिंग रूम में नई दिल्ली, निजामुद्दीन, आगरा, ग्वालियर, इटारसी, भोपाल, बीना, आगरा, कटनी, लखनऊ, कानपुर, जूही और बांदा से ट्रेन व मालगाड़ी चलाकर वापस जाने वाले गार्ड व ड्राइवरों को ठहराया जाता है।