रेलवे के बजट में यात्री सेवाओं तथा आधुनिकीकरण को लेकर सरकार का पूरा फोकस रहा, इससे आम लोगों में उम्मीदें जगी हैं, वहीं कई मांगें पूरी नहीं होने से मायूसी भी। जिले के लोगों ने रेल बजट को लेकर काफी उम्मीदें लगा रखी थीं। काफी समय से दिल्ली के लिए स्थानीय ट्रेनों की मांग की जा रही थी। वह भी पूरी नहीं हुई। रेलवे यूनियन के लोगों ने भी रेल बजट को काफी निराशा भरा बताया। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि रेलवे के आधुनिकरण के लिए एक लाख 10 हजार 55 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, लेकिन कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया गया, जिससे रेलवे कर्मियों में निराशा देखी जा रही है।

नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन जंक्शन सहारनपुर के सचिव अवतार सिंह का कहना है कि रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए बजट बेहतर है। एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये का बजट देना रेलवे के लिए खुशी की बात है, लेकिन कर्मचारियों के बारे में भी केंद्र सरकार को सोचना चाहिए था।

उनका तर्क है कि वर्तमान में स्पेशल ट्रेनों को किराया बढ़ाकर चलाया जा रहा है, जबकि मध्यम वर्ग के लिए लोकल ट्रेनों को नहीं चलाया जा रहा। किराया बढ़ाकर चलाई जा रही है स्पेशल ट्रेनों में लोग यात्रा करने से बचते हैं।

दिल्ली के लिए सहारनपुर से केवल एक ही ट्रेन है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। पिछले काफी समय से दिल्ली के लिए एक लोकल ट्रेन चलाने की मांग रखी जा रही है, लेकिन यह मांग भी इस बजट में नहीं पूरी हुई।