भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक और कामयाबी अपने नाम कर ली है. रेलवे ने बैटरी से चलने वाला इंजन PASUMAI 2.0 पटरियों पर उतार दिया है. डुअल मोड (Dual Mode) का यह इंजन बैटरी और बिजली, दोनों से चल सकेगा. प्रदूषण को कम करने और ग्रीन रेलवे की दिशा में यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. 

PASUMAI 2.0 ग्रीन इंजन की खास बातें 

कुछ समय पहले दक्षिण रेलवे (Southern Railway) ने एक रेल इंजन को बैटरी से चलने वाले इंजन (Battery Engine) में बदलने पर काम शुरू किया था. इस काम के लिए अराकोणम (Arakkonam) लोको शेड से एक इंजन को चुन कर उसे 23061/WAG5HA इलेक्ट्रिक इंजन PASUMAI 2.0 में बदला गया.

बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में बहुत कम खर्चा आया है और इस इंजन ने अपने तमाम ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे भी कर लिए हैं. PASUMAI 2.0 इंजन बैटरी पर तकरीबन 4 घंटे चलता है. इंजन की बैटरी को चार्ज करने के लिए दो फास्ट चार्जर भी लगाए गए हैं. बैटरी मोड में यह इंजन ट्रेन के साथ 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है.

रेलवे का खर्च भी बचाएगा ग्रीन इंजन

दक्षिण रेलवे का कहना है कि PASUMAI 2.0 इंजन देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को ईको-फ्रेंडली बनाने में एक अहम रोल अदा करेगा. बैटरी इंजन बिजली की खपत को कम करके रेलवे के खर्च को बचाने और पर्यावरण में कार्बन फुटप्रिंट कम करने में मदद करेगा.  यह इंजन उन हालात में भी कारगर रहेगा जब किसी वजह से रेलवे की बिजली सप्लाई ठप करनी पड़ी हो.

रेल मंत्री ने दी बधाई

रेलवे की इस कामयाबी पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बधाई दी है. पीयूष गोयल ने ट्वीट में लिखा है कि ‘बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा.’

जबलपुर मंडल ने भी बनाया था ऐसा इंजन

ऐसा नहीं है कि ग्रीन इंजन पहली बार बनाया गया हो. इससे पहले जबलपुर रेलवे मंडल ने भी बैटरी से चलने वाले इंजन को बनाया था. पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको ‘नवदूत’ को बनाया है.