Budget 2021-22: अभी धारा 80सी के तहत कुल 1.5 लाख रुपये (tax saving limit under section 80c) तक पर टैक्स छूट पाई जा सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता है। आखिरी बार 2014 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया था और साथ ही धारा 80सी के तहत टैक्स छूट पाने की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया था।

हाइलाइट्स:

  • अभी धारा 80सी के तहत कुल 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट पाई जा सकती है।
  • उम्मीद की जा रही है कि इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता है।
  • आखिरी बार 2014 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया था।
  • साथ ही धारा 80सी के तहत टैक्स छूट पाने की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया था।

Budget 2021-22: बस कुछ ही दिनों बाद भारत का बजट पेश होने वाला है। हर बार की तरह इस बार भी तमाम वर्गों के लिए कुछ न कुछ जरूर होगा। इस बजट (tax saving limit under section 80c) से सबसे अधिक उम्मीद लगा कर बैठे हैं नौकरीपेशा लोग। नौकरी करने वाले मिडिल क्लास को इस बार बजट में धारा 80सी के तहत टैक्स में छूट बढ़ने की उम्मीद लग रही है। बता दें कि अभी धारा 80सी के तहत कुल 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स छूट पाई जा सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता है। FICCI ने तो ये तक कहा है कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी (Section 80C) के तहत टैक्स छूट लिमिट को दोगुना बढ़ाकर तीन लाख रुपये तक कर देना चाहिए। आखिरी बार 2014 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया था और साथ ही धारा 80सी के तहत टैक्स छूट पाने की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दिया था। अब देखना होगा कि इस बार 80सी के तहत टैक्स छूट बढ़ेगी या नहीं और बढ़ेगी तो कितनी।

  1. क्या है धारा 80 सी?
    आयकर कानून का सेक्शन 80C दरअसल इनकम टैक्स कानून, 1961 का हिस्सा है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत अलग-अलग तरह के निवेश पर टैक्स छूट दी जाती है। अगर आप किसी साल अलग-अलग तरह के निवेश पर टैक्स छूट क्लेम करना भूल गए हैं तो बाद में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर टैक्स एग्जेम्पशन क्लेम कर सकते हैं।
  2. धारा 80 सी के तहत कितनी मिलती है छूट?
    धारा 80 सी के तहत 1,50,000 रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट ली जा सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो धारा 80 सी के तहत अलग-अलग तरह के निवेश कर आप अपनी कुल टैक्स योग्य आय में से 1,50,000 रुपये कम करवा सकते हैं। यह टैक्स छूट किसी व्यक्ति या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) को मिलती है।
  3. सेक्शन 80C के तहत कहां-कहां कर सकते हैं निवेश?
    टैक्स बचाने के लिए आयकर की धारा 80सी के तहत म्यूचुअल फंड के टैक्स फंड (ईएलएसएस), बैंक की टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, एनपीएस, पीपीएफ, जीवन बीमा पॉलिसी, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट और पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
  4. बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी मिलता है फायदा
    धारा 80सी के तहत बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी टैक्स छूट मिलती है। हर साल अधिकतम दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर यह छूट मिलती है। हालांकि, इसके लिए आपको स्कूल की तरफ से जारी फीस का सर्टिफिकेट देना पड़ता है। बता दें कि यह सेक्शन 80C के तहत आने वाला एकमात्र खर्च है, जो निवेश के दायरे में नहीं आता है।
  5. टैक्स छूट के लिए 31 मार्च तक निवेश जरूरी
    अगर आप सेक्शन80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको वित्त वर्ष खत्म होने से पहले निर्धारित निवेश माध्यमों में निवेश करना होगा। बता दें कि वित्त वर्ष 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक चलता है। यानी आप जिस साल की इस अवधि में निवेश करेंगे, उसी साल के टैक्स में छूट का फायदा पा सकेंगे।
  6. किस माध्यम में कितना निवेश, यह आपका फैसला
    आपके लिए यह समझ लेना जरूरी है कि सेक्शन 80C के तहत दिए गए निवेश माध्यमों में कितना निवेश करना है, यह फैसला आपको करना होगा। आपको पास कुल सीमा 1.5 लाख रुपये है। अब आप चाहे तो पूरा पैसा एक ही माध्यम में लगा दें या फिर कई तरह के माध्यमों में कुछ-कुछ पैसे लगा दें।