अडाणी समूह की कंपनी सहित 10 फर्मों ने 1,642 करोड़ रुपए की परियोजना के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CST) रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए बोली लगाई है. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है. यह रेलवे स्टेशन यूनेस्को प्रमाणित वैश्विक विरासत सूची में शामिल है. भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (IRSDC) के अनुसार इस रेलवे स्टेशन का विकास चार साल में विभिन्न चरणों में किया जाएगा.

जीएमआर एंटरप्राइजेज, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स, कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन, एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स तथा अडाणी रेलवेज ट्रांसपोर्ट ने परियोजना के लिए पात्रता के लिए आग्रह (RFQ) जमा कराया है. जिन पांच और कंपनियों ने परियोजना के लिए आरएक्यू जमा कराया है उनमें ब्रुकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, मॉर्बियस होल्डिंग्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, कीस्टोन रियल्टर्स और ओबेरॉय रियल्टी शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि इन आरएफक्यू को आईआरएसडीसी के नई दिल्ली कार्यालय में शुक्रवार को खोला गया.

जांच के बाद सही बोलियों की छंटनी होगी

IRSDC के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक एस के लोहिया ने कहा, ‘अब हम सभी दस बोलियों की जांच करेंगे. अनिवार्यता को पूरा करने वाली बोलियों को छांटा जाएगा. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के बाद चार माह में प्रस्ताव के लिए आग्रह (Request for proposal) निकाला जाएगा. लोहिया ने भरोसा जताया कि इस परियोजना को दिसंबर तक आवंटित कर दिया जाएगा और इसे विभिन्न चरणों में चार साल में पूरा कर लिया जाएगा.

दिल्ली स्टेशन के कायाकल्प में भी अडाणी आगे

इधर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की नई डिजाइन की फोटो को शेयर करते हुए ट्वीट किया. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट (रेल, मेट्रो, बस) की अलग-अलग सुविधाओं के साथ ही एक ही जगह पर यात्रियों को सभी तरह की जरूरतें मुहैया कराने के मद्देनजर भविष्य में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन कुछ ऐसा नजर आएगा. इस योजना के लगभग 4 सालों में पूरा होने की उम्मीद है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के लिए करीब 4,925 करोड़ रुपए खर्च होने वाली है. सिर्फ स्टेशन ही नहीं, आसपास के जगहों को नए तरीके से बदला जाएगा. इस प्रोजेक्ट के लिए प्री-बिड मीटिंग सितंबर 2020 में आयोजित की गई थी जिसमें अडानी, जीएमआर, जेकेबी इन्फ्रा, अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर सरीखे फर्मों ने हिस्सा लिया था.