यात्रियों के बाद अब रेलवे ने अपने कर्मचारियों को जोर का झटका धीरे से दिया है। रेलवे कर्मचारी अब पास पर अपने परिवार के साथ एसी का आरामदायक सफर नहीं कर सकेंगे। उन्हें अब एसी में सीमित सीटें ही मिलेंगी। रेलवे ने सेकेंड एसी में एक और थर्ड एसी में दो सीटें निर्धारित की है। अब अगर रेल कर्मचारी के परिवार में पांच सदस्य हैं तो सेकेंड एसी में चार को और थर्ड एसी में तीन सदस्यों को पूरा किराया चुकाकर सफर करना होगा।

रियायती टिकटों पर रोक अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों होगा। तो बात दरअसल यह है कि रेलवे ने अभी जो स्पेशल किराए वाली ट्रेनें चलाई हैं, उनमें राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर कर्मचारियों के लिए सीटों का निर्धारण किया है। राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में भी कर्मचारियों के लिए सेकेंड में एक और थर्ड एसी में दो सीटें दी हैं। अब स्पेशल किराए वाली ट्रेनों में भी वह व्यवस्था बहाल की गई है। कोविड-19 के कारण 22 मार्च को देशभर में मेल-एक्सप्रेस और सवारी गाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया। इसके बाद स्पेशल बनाकर ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लेकिन इन ट्रेनों में रियायती टिकटों पर रोक है।

साथ सफर करना है तो स्लीपर में कराएं बुक पास धारक रेल कर्मचारियों को अगर अपने परिवार के साथ सफर करना है तो उन्हें स्लीपर में टिकट बुक कराना होगा। स्लीपर में पहले वाली व्यवस्था बरकरार है। पास पर परिवार के जितने सदस्यों का नाम है, उन सभी के टिकट जारी होंगे।

गंगा दामोदर एक्सप्रेस में नहीं मिल रही पास पर एसी में एंट्री धनबाद में काम करने वाले रेल कर्मचारियों को धनबाद से खुलने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस में भी परिवार के साथ एसी में एंट्री नहीं मिल रही है। रेलवे ने गंगा दामोदर एक्सप्रेस को अतिरिक्त किराए वाली स्पेशल ट्रेन के तौर पर चलाया है। इस वजह से गंगा दामोदर में भी रेलवे की नई व्यवस्था प्रभावी हो गई है। इस ट्रेन में पास के साथ सफर करने वाले कर्मचारी पूरे परिवार के साथ सिर्फ स्लीपर में ही सफर कर सकते हैं। सेकंड और थर्ड एसी में एक और तीन सीटें हैं मिलेंगी।