बदलते समय के साथ भारतीय रेल ने मौजूद हालातों को देखने के बाद रेलवे कर्मचारियों का बीमा खुद ही कराने का निर्णय लिया है। यही वजह है कि रेलवे बोर्ड ने पश्चिम मध्य रेलवे सहित अन्य जोन व मंडल से रेल कर्मचारियों की संख्या और रैंक की जानकारियाँ मँगाई हैं, ताकि उनका आकलन करने के बाद बीमा कराने की योजना काे लागू कर दिया जाए।

गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड के समक्ष वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष डॉ. आरपी भटनागर और महामंत्री अशोक शर्मा ने रेल अस्पतालों में स्टाफ की कमी और दूर-दराज के क्षेत्रों में इलाज के लिए परेशानियों को देखते हुए रेलकर्मचारियों का बीमा कराने की माँग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए रेलवे बोर्ड ने बीमा योजना लागू करने की पहल की है।

जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय मेंं रेलवे अस्पताल में आने वाले कर्मी केस को प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए रेफर करने की माँग करते हैं, जबकि रेलवे अस्पताल पर काफी खर्च रेलवे द्वारा किया जा रहा है।

निजी अस्पतालों की माँग को देखते हुए रेलवे बोर्ड अब रेलकर्मचारियों का खुद ही बीमा कराने की तैयारी कर रहा है, जिसका लाभ लेने पर रेलकर्मचारी किश्तों में राशि को चुका सकेंगे। संघ के मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार व सुशील वर्मा, संयुक्त महामंत्री आदि ने इसे संघ के संघर्ष की जीत बताया है।